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नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में 10-19 वर्ष के बीच की किशोरी लड़कियों में स्त्रीधर्म-विषयक स्वास्थ्य विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत नवयुवतियों के लिए स्वास्थ्यकर नैपकिन तक पहुंच को सुनिश्चित बनाया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरियों को नैपकिन के इस्तेमाल और मासिक स्वास्थ्य विज्ञान के बारे में उपयुक्त जानकारी दिलाना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान फ्रीडेज के तहत लड़कियों को छ: स्वास्थ्यकर नैपकिन का एक पैक दिया जाएगा। ये नैपकिन गांव की किशोरी लड़कियों को एक्रीडिटेड सोशल हेल्थ ऐक्टिविस्ट (आशा) के द्वारा प्रति पैक छ: रुपये की दर से बेचा जाएगा। प्रथम चरण में 20 राज्यों के 152 जिलों में इस योजना को लागू किया जाएगा। अपेक्षा की जाती है कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्यकर नैपकिन को उपलब्ध कराने से नैपकिन का इस्तेमाल बढ़ेगा।