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सहाराश्री को मिथिला से डी-लिट की मानद् उपाधि

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सुब्रत रॉय सहारा-देवानंद कुंवर/subrata roy sahara-devanand konwar

दरभंगा। सहारा इंडिया परिवार के अध्यक्ष सुब्रत रॉय सहारा को उच्च शिक्षा के सर्वोच्च संस्थान ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने शिक्षा की सर्वोच्च मानद् उपाधि डी-लिट से सम्मानित किया। सहाराश्री को एक भव्य समारोह में डी-लिट की मानद् उपाधि उनके व्यवसाय और सामाजिक कार्यों में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए दी गई है।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के सह कुलाधिपति देवानंद कुंवर ने कहा कि डी-लिट की इस मानद् उपाधि से सहारा को सम्मानित कर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और मिथिला की धरती खुद को सम्मानित महसूस कर रही है। वर्ष 1972 में स्थापित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने व्यवसाय और सामाजिक कार्यों के लिए किसी शख्सियत को डी-लिट की मानद् उपाधि से सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि सुब्रत रॉय सहारा इस सम्मान के सही हकदार हैं, मुझे उन्हें अपने हाथों से सम्मानित करते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि सुब्रत रॉय सहारा केवल एक व्यवसायी ही नहीं हैं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। देश में लोगों को रोजगार देने वाला सहारा इंडिया परिवार भारतीय रेलवे के समकक्ष है।

मानद् उपाधि ग्रहण करते हुए सुब्रत रॉय सहारा ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि मैंने वर्ष 1951 में दरभंगा के हसनपुर चौक में ही ‘अ आ इ ई’ की पढ़ाई शुरू की थी और आज उसी धरती पर मुझे डी-लिट की मानद् उपाधि से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने अपने साथ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों और विषयों में डी-लिट, पीएचडी और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने वाले कुल 206 छात्र-छात्राओं से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं आज बहुत खुश हूं। सहाराश्री ने बड़ी ही बेबाकी और ईमानदारी से कहा कि मैं खुद को इतनी बड़ी मानद् उपाधि का हकदार नहीं मानता, क्योंकि सम्मान देना या पाना बहुत बड़ी चीज है।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के बहुद्देशीय भवन के खचाखच भरे सभागार में सुब्रत रॉय ने बिहार की धरती से अपना नाता बताते हुए कहा कि मैंने हाईस्कूल की परीक्षा यहीं से पास की थी। बाद में पिताजी के गोरखपुर चले जाने के कारण मैं उनके साथ गोरखपुर चला गया। इस अवसर पर सहारा इंडिया परिवार की डिप्टी मैनेजिंग वर्कर और सहाराश्री की पत्नी स्वप्ना रॉय भी मौजूद थीं।

दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ रजी अहमद ने भी समारोह को संबोधित किया। इस तृतीय दीक्षांत समारोह में कुलपति डॉ समरेंद्र प्रताप सिंह ने राज्यपाल सह कुलाधिपति देवानंद कुंवर और गांधीवादी विचारक डॉ रजी अहमद को मंच पर आमंत्रित किया, जबकि दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ बीएन सिंह और कुलसचिव डॉ विमल कुमार भी मौजूद थे।

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