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हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का सोमवार को यहां राज्यपाल मारग्रेट आल्वा और मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय दूरस्थ क्षेत्रों के अशिक्षित और शिक्षा से वंचितों और जो कॉलेज जाने में असमर्थ हैं, को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ेगा और साथ ही रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जो तकनीकी शिक्षा दे रहा है, उससे प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को बहुप्रतिष्ठित औद्योगिक संस्थानों में रोजगार उपलब्ध हो सकेगा, इससे बेरोजगारी दूर होगी, परिवारों का जीवन स्तर भी ऊंचा होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में इस वर्ष 15 और तकनीकी कोर्स चलाये जाने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि सर्टिफिकेट कोर्सों से वैदिक कर्मकांड, आयुर्वेद, योग, हस्तरेखा विज्ञान, पंचायती राज, फूड प्रोडक्शन, हाउस कीपिंग आदि जैसे कोर्स भी यहां चल रहे हैं जिससे जनता लाभान्वित होगी। आल्वा ने यहां महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देने पर प्रसन्नता व्यक्त व्यक्त करते हुए उतराखंड मुक्त विश्वविद्यालय को वन भूमि हस्तांतरण करने के लिए भारत सरकार और वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा के प्रसार में दूरस्थ शिक्षा की भूमिका अहम होती जा रही है इसलिए आवश्यक है कि दूरस्थ शिक्षा के प्रसार को हम सभी प्रतिबद्ध हों और इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के प्रसार के लिए दृढ़ संकल्प है, शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र के राज्यों में नंबर एक पर है, हम शिक्षा के साथ-साथ हिम क्रीड़ा, जल क्रीड़ा और पर्वतारोहण में नये आयाम हासिल करेंगे। निशंक ने कहा कि योजना आयोग ने भी उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने पर इस वर्ष 7 हजार 800 करोड़ रूपये का बजट अनुमोदित किया है। इस विश्वविद्यालय की जो भी समस्याएं होंगी उनका समाधान शासन स्तर पर अवश्य किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार ने अब तक शिक्षा के क्षेत्र में ही 27 हजार युवाओं को रोजगार दिया है। परिवहन और सहकारिता मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश में उच्च शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में 200 से अधिक केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। गत वर्ष विश्वविद्यालय ने 75 कोर्स चलाये थे जो इस वर्ष बढ़ाकर 101 कर दिए गये हैं, इनमें 6,776 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हुआ है। उन्होंने विश्वविद्यालय के सफल संचालन के लिए 20 कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण, 101 पदों का सृजन और विश्वविद्यालय के लिए अनुदान बढ़ाने की मांग की।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत, तराई विकास निगम के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, मीडिया सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष अनिल कपूर डब्बू, अल्पसंख्यक मोर्चा उपाध्यक्ष मजहर नईम नबाव, पशु कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष शांति मेहरा, विधायक नारायण पाल, प्रोफेसर आरसी पंत, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रोफेसर वीपी अरोरा, कुलसचिव आरसी मिश्रा, जिलाध्यक्ष दीपक मेहरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।