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नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय विरासत पशु हाथी के संरक्षण और कल्याण की संभावनाओं में सुधार लाने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के साथ भागीदारी में देशव्यापी हाथी मेरे साथी अभियान 8 की शुरूआत की है। मंगलवार को नई दिल्ली में हाथी- 8 मंत्री स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए, पर्यावरण एवं वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयराम रमेश ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में हाथी इस प्रकार घुल-मिल गए हैं कि कभी-कभी हम हाथी को गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने कहा कि इस सार्वजनिक पहल का उद्देश्य है, लोगों एवं हाथियों के बीच दोस्ती एवं साहचर्य विकसित करना। पर्यावरण मंत्री ने इस अवसर पर इस अभियान का शुभंकर, प्रतीक चिन्ह और वेबसाइटwww.haathimeresaathi.orgका अनावरण किया।
जयराम रमेश ने कहा कि हाथी उदासीनता के खतरे का सामना कर रहे हैं, जो बाघों के विलुप्त होने के खतरे से भिन्न हैं। इस हाथी- 8 बैठक में भारत, बोत्सवाना, कांगो गणराज्य, इंडोनेशिया, केन्या, श्रीलंका तंजानिया और थाइलैंड के नीति निर्माता, संरक्षणवादी, इतिहासकार, कला और संस्कृति विशेषज्ञ ने भाग लिया और हाथियों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त की। एशियाई हाथी के समक्ष आवास में कमी, संघर्ष और हाथी दांत के लिए शिकार जैसे खतरे हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हाथीवास के करीब रहने वाले स्थानीय लोगों को हाथियों के कष्ट के बारे में अवगत कराकर उन समस्याओं के समाधान में भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। इस अभियान के तहत हाथियों के समर्थन में नीतियों की वकालत करने और उनके संरक्षण के लिए जम़ीनी स्तर पर कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने की भी योजना है।