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शिलांग। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने उद्यमिता के लिए प्रबंधकीय कौशल विकसित करने के लिए कार्यक्रम को प्रायोजित किया है। यह कार्यक्रम राजीव गांधी भारतीय प्रबंधन संस्थान आयोजित करेगा। मंत्रालय ने क्षेत्र के 60 युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रम के वास्ते 79 लाख 15 हजार रूपये की राशि मंजूर की है। कार्यक्रम में क्षेत्र के उद्यमियों की नई पीढ़ी में प्रबंधकीय कौशल विकसित करने से संबंधित पाठ्यक्रम होगा। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय तकनीकी सहायता एवं क्षमता निर्माण योजना के तहत इस कार्यक्रम में मदद कर रहा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद ने इस वित्तीय वर्ष से प्रबंधन, पर्यटन, होटल और अन्य क्षेत्रों में लघु अवधि कौशल विकास कार्यक्रम चलाने के लिए राजीव गांधी भारतीय प्रबंधन संस्थान के साथ सहयोग किया है। यह भागीदारी केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र मंत्री और पूर्वोत्तर परिषद के अध्यक्ष बीके हांडिक की पहल का परिणाम है, जो क्षेत्र में मानव संसाधनों को विकसित करने की प्रक्रिया में भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रमुख संस्थानों को शामिल करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं।
बीके हांडिक ने कहा कि मंत्रालय ने रोजगार पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र के युवकों को निरंतर प्रशिक्षित करने की व्यापक रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान जैसे संस्थान नियमित पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त क्षेत्र की प्रशिक्षण ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। हमने उनसे ऐसे पाठ्यक्रम विकसित करने का आग्रह किया है और हमने कुछ पाठ्यक्रम तैयार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। बीके हांडिक ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय इन पाठ्यक्रमों को प्रायोजित करेगा।
इससे पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने नदी तट कटाव के उपशमन के बारे में असम सिंचाई विभाग के 30 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से डेढ़ महीने का कार्यक्रम चलाने की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम के लिए पूरी वित्तीय सहायता मंत्रालय उपलब्ध कराएगा और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग इसे आयोजित करेगा।