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देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को ऑल इंडिया मेयर काउंसिल कार्यकारिणी की बैठक का शुभारंभ करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों में बेहतर समन्वय लाकर ही स्थानीय सरकार (लोकल गवर्नमेंट) की अवधारणा को मजबूत किया जा सकता है। नगर निगमों के साथ ही निचले स्तर तक के स्थानीय निकायों को मजबूत करने के लिए भी विमर्श होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते नगरीकरण के साथ नगर निकायों विशेषतः नगर निगमों की चुनौतियों में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। नगरीय विकास और अवस्थापना विकास को साथ लेकर चलना एक बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोग जिन सुविधाओं के लिए महानगरों की ओर दौड़ रहे हैं, यदि उनका बेहतर नियोजन नहीं किया गया तो तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। स्थानीय निकायों के आर्थिक प्रबंधन एवं स्वायत्तता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों में बेहतर नियोजन के साथ अपने पैरों पर खड़े होने की क्षमता होती है। उन्होंने कहा कि नगर निगमों की मजबूती और सत्ता का विकेंद्रीकरण समानांतर प्रक्रियाएं हैं और इनसे संबंधित नीतियों में पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और स्थानीय निकायों के मध्य कभी भी संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। सरकार नगरीय विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए हाल ही में हरिद्वार और हल्द्वानी को भी नगर निगम का दर्जा दे दिया गया है।
देहरादून के मेयर विनोद चमोली ने कहा कि नगर निगमों के समक्ष केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से संबंध के साथ ही आंतरिक प्रणाली को मजबूत करने की बड़ी चुनौती होती है। केंद्र सरकार की कई योजनाएं नगर निगमों के माध्यम से संचालित होती है, साथ ही नगर निगमों को राज्य सरकार का भी पूरा सहयोग वांछित होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यकारिणी की 101वीं बैठक प्रासंगिक एवं लाभदायक होगी। कार्यक्रम में इंदौर के मेयर कृष्ण मुरारी मोघे सहित देश के अनेक महानगरों के मेयर, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।