स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
दार-ए-सलाम। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को दार-ए-सलाम में स्वागत समारोह के अवसर पर भारतीय समुदाय को संबोधित किया और कहा कि तंजानिया एक ऐसा देश है जिसकी मैं गहरी प्रशंसा कर करता हूं और मुवालिमु जूलियस न्यरेरे के साथ अपने निकट सहयोग से भी अच्छी तरह से परिचित हूं। उन्होंने कहा कि मैने इथोपिया के अदीस अबाबा में पूर्ण हुई दूसरे अफ्रीका-भारत मंच शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद यहां पहुंचकर अफ्रीकी नेताओं के साथ व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श किया है जिसमें भारत के प्रति बेहद सद्भावना का भाव देखा है। शिखर सम्मेलन ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग की सच्ची भावना ने भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी के एक नये युग का शुभारंभ कर दिया है। शिखर सम्मेलन के दौरान लिए गये हमारे निर्णयों में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे का विकास, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्र शामिल किये गये हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर तंजानिया की यह मेरी पहली यात्रा है, हमारे तत्कालीन तंजायिका और जेनजिवार के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं। ये अब तंजानिया संयुक्त गणराज्य के साथ एक मजबूत और स्थाई रिश्ते में परिवर्तित हो चुके हैं। तंजानिया हमारे लिए पूर्वी अफ्रीका का प्रवेश द्वार है। आप भारतीय मूल के तंजानिया निवासियों और भारतीय प्रवासियों एवं तंजानिया में संगठित सबसे बड़े प्रवासी समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे जानकारी है कि तंजानिया के संपूर्ण क्षेत्र में फैले भारतीय मूल के लोगों की कुल संख्या 40 हजार से अधिक है। कई वर्षों पहले, साहसी समुद्री व्यापारियों और सौदागरों ने हिंद महासागर को पार करके कठोर परिस्थितियों के साथ बहादुरी से जूझते हुए इस क्षेत्र के साथ नये संबंध और संपर्क कायम किए। बहुत से लोग एक नये जीवन की शुरूआत के लिए यहीं पर बस गए हैं।
उन्होंने कहा कि दशकों के बाद, भारतीय समुदाय ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अपनी उदयमशीलता की भावना, दृढ़ता के साथ किया गया कार्य और इस देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान देकर एक प्रतिष्ठा अर्जित की है। भारतीय प्रवासियों में शिक्षकों और विशेषज्ञों में कौन यहां पहले आया और कौन अब एक पेशेवर और कुशल कारीगर के तौर पर आया, सभी ने तंजानिया को कई भारतीय समानताओं के साथ एक समृद्ध और स्वागत करने वाले समाज के रूप में पाया। उनकी संख्या में हुई बढ़ोतरी हमारी मित्रता के गहरे संबंधों को दर्शा रही है। वह तंजानिया और पूर्वी अफ्रीका के साथ कुल मिलाकर हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंघों के समकालीन चेहरे का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तथ्य यह है कि आप जैसे भारतीय और भारतीय मूल के समुदाय, जो अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में रह कर कार्य कर रहे हैं और संपदा एवं समृद्दि के सृजन में मदद कर रहे हैं, वे अत्यन्त प्रभावशाली और सराहनीय हैं। यह दिखाता है कि कितनी अच्छी तरह से भारतीय समुदायो में इस महाद्वीप के स्थानीय समुदायों को आत्मसात किया है और उनके योगदान का कितना सम्मान किया जाता है। उन्होंने भारतीय समुदाय से अपील की है कि आप तंजानिया के एक अच्छे नागरिक बने और अपने उच्च मूल्यों का प्रसार जारी रखें जिसके लिए भारत जाना जाता है। उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से यहां उपस्थित तंजानिया के भारतीय मूल के संसद सदस्यों को शुभ कामनाएं देता हूं जिनमें से कई ने अक्तूबर 2010 के आम चुनावों में जीत हासिल की। इस देश की राजनीतिक संस्था में उनकी भागीदारी विश्वास और भरोसे को प्रतिबिंबित करती है।
मनमोहन सिंह बोले कि हमारी सरकार तंजानिया में भारतीय समुदाय के कल्याण और समृद्धि के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, हमने प्रवासी भारतीयों के कल्याण की देख-रेख और भारत के सामाजिक आर्थिक विकास की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को सुग्राही बनाने के लिए एक अलग प्रवासी भारतीय मामले मंत्रालय बनाया है। सरकार ने इस मामले प्रवासी भारतीय समुदाय कल्याण कोष की स्थापना और प्रवासी भारतीय सुविधा केंद्र जैसी कई पहले भी की हैं। प्रवासी भारतीय दिवस हमारे प्रवासी समुदाय तक पहुंच बनाने के एक मामले में एक प्रभावी मंच साबित हो रहा है। मुझे आशा है कि हाल ही में दार-ए-सलाम ने खोला गया भारतीय सांस्कृतिक केंद्र हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिए बच्चों, परिवारों और अन्य लोगों को एक मंच प्रदान करेगा।
इसके बाद अदीस अबाबा के भारतीय सामुदायिक समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय व्यापारी और दस्तकार इस देश में काफी पहले 19वीं शताब्दी में आए थे। उन्होंने यहां अपना घर बनाया तथा अपनी मेहनत से इथियोपिया समाज में अपने लिए सम्मानित जगह बनाई। उन्होंने कहा कि मुझे यह सुनकर बहुत ही गर्व महसूस हुआ था कि कई इथियोपिया लोगों में भारतीय शिक्षकों के प्रति बहुत सम्मान है, जिन्होंने उन्हें पढ़ाया है। आज भी इथियोपिया के विश्वविद्यालय भारतीय प्राध्यापकों की भर्ती में रूचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि इथियोपिया के प्रधानमंत्री मेलिस ज़नावी के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई है। हम इस पर सहमत हुए हैं कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने में काफी अप्रयुक्त क्षमता है। हाल के वर्षों में इथियोपिया के आर्थिक प्रदर्शन, राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक राजतंत्र ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपनी ओर आकर्षित किया है। इन उपलब्धियों की वजह से इथियोपिया का नाम बहुत ही आदर के साथ लिया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि जल्दी ही हम इथियोपिया में मुश्किल में भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष का गठन करेंगे।