स्वतंत्र आवाज़
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भारत-तंजानिया में मित्रता का विस्तार

एक-दूसरे की समृद्धि के लिए कई योजनाएं

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मनमोहन सिंह और जकाया म्रिशो किकवेटे-manmohan singh and jakaya mrisho kikwete

दार-ए-सलाम। 'मैं तंजानि‍या के साथ हमारी परंपरागत मि‍त्रता के क्षि‍ति‍ज का वि‍स्‍तार करने आया हूं, राष्‍ट्रपति‍जी! आपके आदर और भव्‍य आति‍थ्‍य के लि‍ए आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तंजानिया के राष्ट्रपति किकवेटे का इस प्रकार आतिथ्य स्वीकार करते हुए संयुक्त प्रेस सम्मेलन में कहा कि हम लोगों के बीच पूर्ण मि‍त्रता है और भारत एवं तंजानि‍या के बीच संपूर्ण सम्‍मि‍लि‍त भागीदारी दोनों देशों के राष्‍ट्रीय हि‍त में है, कि‍सी भी दृष्‍टि‍कोण से देखा जाए-चाहे भौगोलि‍क नजदीकी, सांस्‍कृति‍क प्रभाव या हमारे वि‍कास की अवस्‍थाएं, तो भारत और तंजानि‍या के लि‍ए नि‍कटतम संबंध रहना चाहि‍ए। हम इस लक्ष्‍य के लि‍ए अपने प्रयासों को तेज करने पर सहमत हो गए हैं। मनमोहन सिंह ने किकवेटे की मौजूदगी में फिर दोहराया कि शांति‍के वास दार-इस-सलाम में आकर मुझे सच में काफी खुशी हुई है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्‍ट्रपति ‍कि‍कवेटे और मैंने कई फलदायी वि‍षयों पर वि‍चार-वि‍मर्श कि‍या है। हम दोनों के लि‍ए सतत वि‍कास एक शीर्ष प्राथमि‍कता है। तंजानि‍या ने दक्षि‍ण को, जी-77 को और गुटनि‍रपेक्ष आंदोलन को असाधारण राजनीति‍क और बौद्धि‍क सहयोग प्रदान कि‍या है। वर्तमान आर्थि‍क और वि‍त्‍तीय अनि‍श्‍चि‍तताओं के प्रकाश में हमें इस प्रयास को और मजबूत करना होगा और वैश्‍वि‍क मामलों में अपनी आवाज को बुलंद करना होगा। राष्‍ट्रपति ‍कि‍कवेटे को मैंने बताया कि ‍अपने स्‍तर पर भारत, तंजानि‍या के राष्‍ट्र नि‍र्माण प्रयासों में उसका भागीदार बनने के लि‍ए तैयार है। हम कृषि‍, लघु और मध्‍यम उद्योगों, स्‍वास्‍थ्‍य कल्‍याण और मानव संसाधन वि‍कास जैसे क्षेत्रों पर ध्‍यान केंद्रित करेंगे, हम राष्‍ट्रपति‍ की राष्‍ट्रीय कृषि‍ पहल का समर्थन करते हैं, हम दार-इस-सलाम में जल आपूर्ति‍ परि‍योजनाओं के लि‍ए 180 मि‍लि‍यन अमरीकी डॉलर का नया ऋण आसान शर्तों पर प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारत की क्षमतावर्धन योजनाओं और नीति‍यों में खास तौर पर आईसीटी में उत्‍कृष्‍ट केंद्र और पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क परि‍योजना के दूर-शि‍क्षा घटक में तंजानि‍या एक सक्रि‍य भागीदार रहा है, हम सामाजि‍क और शैक्षणि‍क क्षेत्रों में क्षमतावर्धन परि‍योजनाओं के लि‍ए 10 मि‍लि‍यन अमरीकी डॉलर का एक नया अनुदान देंगे। इस क्षेत्र में भारत के लि‍ए तंजानि‍या एक महत्‍वपूर्ण कारोबारी भागीदार रहा है। भारत-तंजानि‍या के कृषि‍ उत्‍पादों का एक प्रमुख क्रेता है। अनेक भारतीय कंपनि‍यां यहां काम कर रही हैं और अपने नि‍वेशों को फैलाने और बढ़ाने की इच्‍छुक हैं। राष्‍ट्रपति‍ कि‍कवेटे और मैं दोनों ही इस प्रक्रि‍या को आगे बढ़ाने के लि‍ए सहमत हो गए हैं। भारतीय नि‍वेश और प्रौद्योगि‍की, तंजानि‍या को पूर्वी अफ्रीका का औद्योगि‍क एवं प्रौद्योगि‍की केंद्र बनने और उसका वि‍कास ईंजन बनने में मदद कर सकता है। शांति‍ और सुरक्षा के क्षेत्र में हमारी चिंताएं एक जैसी हैं, हम दोनों देश की प्रमुख समस्‍या आतंकवाद और समुद्री डकैती का सामना करना है। हमने इन खतरों से नि‍पटने के लि‍ए परामर्श और समन्‍वय की प्रक्रि‍या को तेज करने का फैसला कि‍या है।

भारत ने अफ्रीका में संयुक्‍त राष्‍ट्र के कई शांति‍रक्षक मि‍शनों मे योगदान कि‍या है। एक प्रजातांत्रि‍क और समरूप वि‍श्‍व क्रम के लि‍ए हमारा एक साझा दृष्‍टि‍कोण है। हम संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परि‍षद समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र तंत्र के सुधार में अपने सहयोग को मजबूत करेंगे। तंजानि‍या के साथ हमारे मजबूत और बहुआयामी संबंधी अफ्रीका में भारत की महान सफल गाति‍वि‍धि‍यों में से एक है। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्रपति ‍कि‍कवेटे को उनकी सुवि‍धा के अनुसार शीघ्र ही भारत का दौरा करने का नि‍मंत्रण दि‍या गया है। उनका दौरा और अन्‍य उच्‍च स्‍तरीय आदान-प्रदान हमारे बीच एक नजदीकी और ठोस भागीदारी में महत्‍वपूर्ण योगदान देगा।

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