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नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सुझाव दिया है कि ई-पंचायत माड्यूल के तहत पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने के क्रम में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन एक लाख ग्राम पंचायत ब्रॉडबैंड की सुविधा का लाभ लेने में सक्षम हैं। इसके बारे में सूची भी संबंधित बीएसएनएल सर्किलों से प्राप्त की जा सकती है। राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए एक पत्र में यह सिफारिश की गई है कि ब्रॉडबैंड की सुविधा लेने में सक्षम ग्राम पंचायत पीईएस अनुप्रयोग का इस्तेमाल करने के बजाए इसके कनेक्शन के लिए सीधे तौर पर आवेदन करें। इस बीच सभी ग्राम पंचायतों की ओर से जनसंपर्क विभाग द्वारा एक आवेदन और सभी ग्राम पंचायतों के बदले समेकित भुगतान भी दूरसंचार विभाग को किया जा सकता है।