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जनसूचना अभियान में विभिन्न जानकारियां दीं

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भारत निर्माण-bharat nirman

अल्मोड़ा। द्वाराहाट में चल रहे भारत निर्माण जन सूचना अभियान के दूसरे दिन ग्रामीणों को रंगारंग कार्यक्रमों के साथ केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गई। खासतौर पर सूचना का अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, समन्वित बाल विकास योजना आदि के बारे में प्रदेश की प्रगति की जानकारी दी गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के लोक सूचना आयुक्त, प्रभात डबराल ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इनका फायदा ग्रामीणों को पूरी तरह तभी मिल सकता है जब वे अपने सूचना के अधिकार का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। उन्होंने विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में नौकरशाही के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि उत्तराखंड में अब तक कामकाजी महिलाओं को प्रसूति अवकाश जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने ग्रामीणों का आह्वान किया कि वे जिस भी सरकारी विभाग से सूचना चाहते हैं, उस विभाग के लोकसूचना अधिकारी को 10 रूपये के स्टाम्प पर सूचना लेने के लिये आवेदन करें और अगर 30 दिन के अंदर सूचना नहीं मिलती है, तो सीधे देहरादून स्थित लोक सूचना आयोग में शिकायत करें।

अल्मोड़ा के उप मुख्य चिकित्साधिकारी केसी जोशी ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के बारे में बताया कि यह मिशन केंद्र सरकार ने मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये खासतौर पर शुरू किया है। इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को प्रति हजार 30 से घटाकर 20 तक लाने का लक्ष्य है। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिये अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है और अस्पताल में प्रसव कराने वाली माता को 1400 रूपए और उसे अस्पताल लाने वाली आशा कार्यकत्री को 600 रूपए मिलते हैं। इसी तरह शहरी महिला को 1000 रूपए और आशा कायर्कत्री को 200 रूपए दिये जाते हैं। मातृ देखभाल के मामले में गरीबी रेखा के नीचे की महिला को प्रसव से पहले 500 रूपए देने की व्यवस्था है। परिवार नियोजन के क्षेत्र में महिला नसबंदी पर 600 रूपए और पुरुष नसबंदी पर 1100 रूपए देने की व्यवस्था है। डॉ जोशी ने बताया कि इस बीच राज्य सरकार ने नव-प्रसूता महिला और उसके शिशु को अस्पताल से उनके घर तक पहुंचाने के लिये किराया देने का प्रावधान कर दिया है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी चंद्रा चौहान ने अपने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। स्वजल परियोजना के जीएस पंवार ने संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के बारे में बताया। पंवार ने यह भी बताया कि शत-प्रतिशत शौचालय का प्रयोग करने वाले गांव को राष्ट्रपति की ओर से निर्मल ग्राम पुरस्कार दिया जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों के बारे में लोगों की जागरूकता बढाने के सिलसिले में एक स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें कुल 99 बच्चों ने भाग लिया। इसमें 0-2.5 वर्ष आयुवर्ग में मास्टर देव प्रथम, यश द्वितीय और वंदना तृतीय स्थान पर रहीं। इसी प्रकार 2.5-5 वर्ष आयुवर्ग में पृथ्वी, कृष्णा और त्वरिता को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान मिला।

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