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नई दिल्ली। कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि 12 जून 2011 से सभी निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन)-1 एवं डीआईएन-4 आवेदनों पर कार्यरत चार्टर्ड लेखाकारों, कंपनी सचिवों या लागत लेखाकारों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने होंगे और वे आवेदन पत्रों में दिए गए आवेदकों के विवरणों को भी सत्यापित करेंगे। सभी आवेदन ऑनलाइन अनुमोदित होंगे।
वर्तमान में आवेदक की पैन संख्या का उल्लेख करना, डीआईएन ई-फार्म-1 में आवश्यक नहीं है। डीआईएन ई-फार्म की प्रणाली में जांच करने एवं डीआईएन डुप्लीकेट न होने देने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि वे सभी वर्तमान डीआईएन धारक, जिन्होंने डीआईएन प्राप्त करने के समय पहले ही अपनी पैन संख्या जमा नहीं की है, वे 30 सितंबर 2011 तक डीआईएन-4 फार्म भरकर अपनी पैन संख्या प्रस्तुत करें। ऐसा न होने पर डीआईएन अयोग्य हो जायेगा और भारी जुर्माना भी लगाया जायेगा। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय इस संबंध में आवश्यक अनुदेश पहले ही इस वर्ष 7 अप्रैल को जारी कर चुका है।