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बांसवाड़ा। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बांसवाड़ा, राजस्थान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका अभियान की शुरुआत की। यह अभियान ग्रामीण विकास मंत्रालय की नई पहल है जिसके अंतर्गत व्यवहारिक आजीविका अवसर प्रदान करके निर्धनतम व्यक्ति को निर्धनता से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका अभियान का दस्तावेज जारी कर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह अभियान गरीबों की, गरीबों के लिए और गरीबों के द्वारा योजना है। उन्होंने कहा कि योजना से समाज के कमजोर वर्गों को चुनौतियों का सामना करने की क्षमता प्राप्त होगी और उन्हें स्वसहायता समूहों का समर्थन मिलेगा। सोनिया गांधी ने कहा कि सामाजिक लेखा परीक्षण में महिलाओं की भागीदारी की आवश्यकता है ताकि कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम ने लाभांवितों के लिए नए अवसरों के द्वार खोले हैं और हमें इन लाभांवितों को टिकाऊ आजीविका हासिल करने के प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री विलासराव देशमुख ने जनता का आह्वान किया कि वह ग्रामीण विकास मंत्रालय के जन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सरकार का साथ दे, इस आजीविका अभियान से ग्रामीण निर्धनों, खास तौर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। सड़क यातायात मंत्री डॉ सीपी जोशी ने कहा कि यह बांसवाड़ा जैसे जनजातीय प्रधान क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक अवसर है जहां यह पता चल जाता है कि संप्रग सरकार ग्रामीण निर्धनों के प्रति कितना संवेदनशील है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की सहायता से बांसवाड़ा के जनजातीय प्रधान क्षेत्र का आमूल विकास करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी।
इस अवसर पर आवास एवं गरीबी उपशमन राज्यमंत्री कुमारी सैलजा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य, वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा, रेल राज्यमंत्री केएच मुनियप्पा, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री महादेव सिंह खंडेला, संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट और राजस्थान ग्रामीण विकास मंत्री भरत सिंह सहित सांसद, विधायक, सरपंच और अधिकारी भी उपस्थित थे।