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नई दिल्ली। सरकार की परियोजना राष्ट्रीय विधिक ई-पुस्तकालय 15 अगस्त 2011 को राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है। विधि एवं न्याय मंत्री डॉ वीरप्पा मोइली ने देश भर के विधि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के उपकुलपतियों के साथ बैठक के दौरान 6 दिसंबर 2009 को विधि के विद्यार्थियों एवं वकीलों के लिए राष्ट्रीय विधिक ई-पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव किया था।
इस कार्यक्रम का कार्यक्षेत्र भारत के 933 विद्यालयों, बार एसोसिएशनों, सरकारी विधिक विभागों इत्यादि के लिए राष्ट्रीय विधिक ई-पुस्तकालय के सृजन एवं प्रबंधन करना और शैक्षिक पुस्तकाल अध्यक्षों, विद्याथिर्यों, संकाय एवं युवा वकीलों की ज़रूरतों को पूरा करना है। इसका उद्देश्य वकीलों को विधि के क्षेत्र के विषयों की व्यापक समझ एवं दृष्टिकोण प्रदान करना है। इस पुस्तकालय की प्रमुख विशेषताओं में आसान पहुंच, परिणाम, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और स्रोत चयन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।