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चेन्नई। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री थिरू जेके वासन ने बुधवार को यहां देश के पहले क्रूज लाइनर (पोतविहार) एवं ऑन बोर्ड प्रशिक्षण जहाज एमवी एमेट मजेस्टी का झंडा दिखाकर जलावरण किया। इस अवसर पर जहाजरानी मंत्री ने कहा कि क्रूज जहाजरानी विश्व में पर्यटन उद्योग के तेजी से बढ़ते हुए हिस्सों में से एक है।
सरकार नदी क्रूज सहित भारतीय फ्लैग क्रूज को प्रोत्साहन देने के अलावा आने वाले वर्षों में भारत सरकार इनके पर्यटकों की संख्या बढ़ाने की भी तैयारी कर रही है। क्रूज पर्यटकों के लिए भारत को आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में दर्शाने के साथ-साथ इसकी लंबी एवं सुंदर तटीय रेखा, अछूते वनों, शांत द्वीपों, समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को भी लुभावने रूप में दर्शाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार यह भी योजना बना रही है कि भारत में क्रूज जहाजरानी उद्योग अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले का हो जाए और वह विदेशी मुद्रा अर्जित करने, आय बढ़ाने, नियोजन एवं व्यापार के अवसर बढ़ाने में योगदान कर सके।
जहाजरानी मंत्री बताया कि क्रूज जहाजरानी नीति तैयार है, जिसमें क्रूज जहाजरानी सहित जहाजरानी क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की अनुमति है, इसके अलावा विदेशी क्रूज जहाजों/पोतों को एमएस अधिनियम का धारा 407 (।) के प्रावधानों में छूट देकर भारत के विभिन्न बंदरगाहों के मध्य तटीय यात्रा करने की अनुमति भी दी गई है। उद्योग में प्रशिक्षित मानव शक्ति की कमी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उठाए गए अनेक कदमों से न केवल प्रशिक्षित मानव शक्ति में वृद्धि होगी, बल्कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता भी सुधरेगी। सन् 2008 में भारतीय समुद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इस उद्योग के विकास में यह सही कदम है, समुद्रीय कार्य सूची में दिए गए अनुसार भारतीय समुद्री यात्रियों का हिस्सा बढ़ाने के लिए अन्य कदम भी उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह में तूतिकूडिकोलंबों पैसेंजर फैरी सर्विस को भी शुरू कर दिया जाएगा।