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बीड़ी मजदूरों को भी चि‍कि‍त्‍सा सुवि‍धा

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नई दिल्ली। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना के अंतर्गत बीड़ी मजदूरों को चि‍कि‍त्‍सा सुवि‍धा प्रदान की जाएगी। बीड़ी मजदूर और पांच सदस्‍यों वाले उसके परि‍वार को इस योजना के दायरे में रखा गया है, इ‍न्‍हें 30 हज़ार रुपये का बीमा दिया जाएगा। इस राशि के ऊपर खर्चे का जो भी दावा होगा, उसे संबंधि‍त कल्‍याण आयुक्‍त मौजूदा प्रक्रि‍या के अनुसार पेनल में दर्ज अस्‍पताल को सीधे तौर पर अदा करेंगे। राज्‍य सरकारें बीड़ी मजदूरों की पहचान और उनका पंजीकरण करेंगी।

वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 10 लाख बीड़ी मजदूरों और 2013-14 तक शत प्रति‍शत बीड़ी मजदूरों को योजना के दायरे में लाने का लक्ष्‍य रखा गया है। केंद्र सरकार पर अनुमानि‍त व्‍यय वहन लगभग 311.25 करोड़ रुपये हैं जि‍समें बीमा प्रीमि‍यम और स्‍मार्ट कार्ड की कीमत का 75 प्रति‍शत शामि‍ल है। सालाना प्रीमि‍यम 750 रुपये आंका गया है जि‍सका 75 प्रति‍शत हि‍स्‍सा केंद्र और 25 प्रति‍शत राज्‍य सरकारें वहन करेंगी।

ध्‍यान रहे कि ज्‍यादातर बीड़ी मजदूर बीपीएल श्रेणी में नहीं आते लेकि‍न उनके पास इतना धन भी नहीं होता कि‍ वे बीमा प्रीमि‍यम अपनी जेब से भर सकें और बाद में वह उन्‍हें चुका दि‍या जाए। बीपीएल श्रेणी में न आ पाने के कारण उन्‍हें राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना का भी लाभ नहीं मि‍ल पाता क्‍योंकि यह योजना केवल बीपीएल श्रेणी के लि‍ए है। असंगठि‍त क्षेत्र के मजदूरों को सामाजि‍क सुरक्षा प्रदान करने के लि‍ए यह नि‍र्णय कि‍या गया है।

बीड़ी उद्योग, बीड़ी मजदूरों के घरों में चलता है और इस रोजगार में लगभग 55 लाख लोग लगे हुए हैं जि‍नमें से 49.80 लाख मजदूरों को पहचान पत्र दे दि‍ए गए हैं। यह उद्योग प्रमुख रूप से आंध्रप्रदेश, बि‍हार, झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, मध्‍यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, ओडीशा, राजस्‍थान, तमि‍लनाडु, उत्तर प्रदेश, असम, त्रि‍पुरा और पश्‍चि‍म बंगाल में होता है।

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