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नई दिल्ली। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने कर चोरी और काले धन के मसले पर भारत के प्रयासों की सराहना की है। 'नए वैश्विक वातावरण के अनुरूप कर ढांचा और अंतर्राष्ट्रीय कर नियमों का अनुकूलन भारत और ओईसीडी की साझा चुनौती' विषय पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित दो दिवसीय उच्च स्तरीय सेमिनार में ओईसीडी ने यह बात कही।
ओईसीडी और भारत दोनों ने हस्तांतरण मूल्य-निर्धारण और बेहतर कर अनुपालन के मुद्दों से निबटने और सीमापार विवादों की रोकथाम और नियमन को बेहतर बनाने के उपायों पर आपसी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। दोनों कर सहयोग बढ़ाने और कर दाताओं एवं सरकार को ज्यादा निश्चिंत बनाने के लिए जरूरी उपाय सुझाने पर सहमत हुए। 13 और 14 जून को दिल्ली में आयोजित इस दो दिवसीय सेमिनार में सहभागियों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय उद्यमों के कराधान से उत्पन्न कुछ ज्यादा जटिल चुनौतियों का पता लगाया।
सेमिनार में भारत के 170 अधिकारियों और ओईसीडी एवं गैर-ओईसीडी देशों के करीब एक दर्जन अधिकारियों ने भाग लिया। भारत ओईसीडी के वित्तीय मामलों की समिति और उसके कार्यकारी दलों में 2006 से काफी सक्रिय रहा है। पारदर्शिता और कर मामलों पर सूचनाओं विनिमय के लिए वैश्विक मंचों पर इसने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भारत हाल में 'सरकार के स्तरों पर वित्तीय संबंधों के ओईसीडी नेटवर्क' का सदस्य बना है। भारत दिसंबर 2011 में कर और असमानता पर वैश्विक सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय कर वार्ता की मेजबानी करेगा।