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पुस्तक मेलों की वित्तीय सहायता

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नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ‘पुस्तक मेलों, पुस्तक प्रदर्शनियों के आयोजन और अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेलों और प्रकाशन कार्यक्रम वगैरह में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली पायलट योजना’ की घोषणा की है। उत्कृष्ट क़िस्म की पुस्तकों को प्रोत्साहन देकर भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाना इस योजना का प्रमुख लक्ष्य है। दूसरा उद्देश्य एक ऐसा माहौल बनाना है जिसमें अधिक संख्या में लोग पुस्तकों को खरीदें और पढ़ें। यह योजना क्षेत्रीय/राष्ट्रीय पुस्तक मेलों को आयोजित करने, दुर्लभ प्रकाशनों/पांडुलिपियों/कार्यालयी द्स्तावेज़ों आदि की प्रदर्शनियां लगाने और पुस्तकों के प्रसार और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार, सम्मेलन और संबंधित कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए बनाई गई है।

इस योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय/राष्ट्रीय पुस्तक मेलों को आयोजित करने, दुर्लभ प्रकाशनों/पांडुलिपियों/कार्यालयी द्स्तावेज़ों आदि की प्रदर्शनियां लगाने और पुस्तकों के प्रसार और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार, सम्मेलन और संबंधित कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेलों में भागीदारी को भी समाविष्ट किया जाएगा। बिना किसी लाभ के काम करने वाले संगठन जिसमें संस्थाएं, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, प्रकाशक और पुस्तक व्यापार एसोसिएशन शामिल हैं, अनुदान के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। हालांकि यह योजना उन संगठनों अथवा संस्थानों के लिए नहीं है जो धार्मिक संस्थानों अथवा विद्यालय/महाविद्यालय के रुप में कार्यरत है। योजना के अंतर्गत वर्ष भर इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।

योजना का विवरण और आवेदन पत्र मंत्रालय की वेबसाइट www.indiaculture.gov.in पर उपलब्ध है। प्रत्येक कार्यक्रम के लिए अधिकतम दस लाख रुपए की शर्त के साथ निश्चित परियोजनाओं के लिए अनुदान राशि को कुल व्यय का 75 प्रतिशत तक के रूप में सीमित किया गया है। यह अनुदान 75 प्रतिशत (पहली किश्त) और 25 प्रतिशत (दूसरी किश्त) की दो किश्तों में दिया जाएगा। सभी भुगतान इलेक्ट्रॉनिक अंतरण के ज़रिए किया जाएगा।

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