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देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्गरेट आल्वा ने सोमवार को राज्य बाल कल्याण परिषद के ननूरखेड़ा देहरादून में संचालित 'बाल भवन' का निरीक्षण कर वहां की विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया। राज्यपाल राज्य बाल कल्याण की पदेन अध्यक्ष भी हैं जिन्होंने निर्धन और निर्बल वर्ग के बच्चों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से यहां संचालित विभिन्न गतिविधियों का भौतिक निरीक्षण किया। बाल भवन में ही संचालित शिशु गृह का भी राज्यपाल ने निरीक्षण किया और बच्चों से बातचीत की।
बच्चों ने राज्यपाल को कविताएं सुनाईं और अपनी-अपनी अभिरूचियों के बारे में बताया। उन्होंने ग्रीष्मकालीन विशेष कंप्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लाभार्थी बच्चों से भी बात की तथा उनके कम्प्यूटर ज्ञान की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन भी किया। इस 'बाल भवन' को दिल्ली के बाल भवन की तरह विकसित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की आवश्यकता को समझते हुए राज्यपाल ने मौके पर उपस्थित उपाध्यक्ष और महासचिव को निर्देशित किया कि परिषद के पास पर्याप्त धनराशि और उदार हृदय के लोगों का सहयोग भी है अतः प्रशिक्षित स्टाफ बढ़ाने के भी प्रयास किये जाएं।
राज्यपाल ने कहा कि कमजोर वर्ग के बच्चों को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको पढ़ाई के साथ-साथ कंप्यूटर, कला और संगीत आदि का प्रशिक्षण दिया जाना भी जरूरी है तभी बच्चों का पूर्ण विकास हो सकेगा। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण आदि की जानकारी भी प्राप्त की। ओएनजीसी के सहयोग से निर्मित और अक्टूबर 2008 में उद्घाटित इस भवन के स्वच्छ और साफ वातावरण की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आस-पास की बस्तियों के कमजोर वर्ग के बच्चों को इस भवन का अधिकाधिक लाभ दिए जाने का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कंप्यूटर प्रशिक्षण की न्यूनतम अवधि 6 माह करने के भी निर्देश दिए।
राज्यपाल ने पूरे परिसर का निरीक्षण करते हुए कहा कि इस भवन को मुख्य सड़क से जोड़ा जाना आवश्यक है तभी भवन को बच्चों के लिए बहुपयोगी बनाया जाना संभव होगा। राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद की महासचिव को निर्देशित किया कि भवन से सटे हुए शिक्षा निदेशालय से मुख्य मार्ग तक सड़क के लिए जमीन के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए। निरीक्षण के बाद राज्यपाल ने बाल भवन परिसर में 'अमलताश' का पौधा लगाया। इस अवसर पर बाल कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष डॉ आईएस पाल, महासचिव पुष्पा मानस, संयुक्त सचिव सुधा पैन्युली, कोषाध्यक्ष डॉ कुसुमरानी नैथानी, बीके डोभाल, केपी भट्ट, राज्यपाल के परिसहाय वीके कृष्णकुमार, निजी सचिव एसके चौहान आदि उपस्थित थे।