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देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को एफआरआई में 41वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। उन्होंने उत्तराखंड से लगी नेपाल एवं चीन की सीमा पर राष्ट्रीय पहचान पत्र योजना तत्काल शुरू करने की मांग की। निशंक ने कहा है कि सुरक्षा एजेंसियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों के साथ संवाद एवं सहभागिता स्थापित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपराध के बदलते स्वरूप को देखते हुए पुलिस फोर्स को सूचना प्रौद्योगिकी एवं अन्य अत्याधुनिक तकनीकी का प्रशिक्षण देना अनिवार्य हो गया है। सभी को समान रूप से प्रशिक्षण देने के स्थान पर कार्मिकों की रूचि के अनुरूप अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। वर्तमान परिदृश्य में समाज की प्रत्येक गतिविधि में पुलिस का दखल एवं जवाबदेही रहती है अतः पुलिस प्रशिक्षण में उनका मनोबल बढ़ाने के साथ ही उनके सशक्तीकरण एवं नैतिक प्रशिक्षण को भी स्थान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ खराब लोग पूरी व्यवस्था पर कलंक लगाते हैं, अतः ऐसे दागी अधिकारियों को चिन्हित कर व्यवस्था से बाहर का रास्ता दिखाया जाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की मित्र पुलिस ने अपने नाम के अनुरूप आचरण करते हुए महाकुंभ 2010 को सफलतापूर्वक संपंन कराया है। उत्तराखंड की राजस्व पुलिस व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए निशंक ने सम्मेलन में उनके सशक्तीकरण के लिए भी आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग पर विचार करने की बात कही। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथि गुरूदास कामत ने कहा कि वर्तमान युग में अपराध परिदृश्य तेजी से बदल रहा है जिसके कारण पुलिस के समक्ष गैर पारंपरिक हाईटेक अपराधों से निपटने की चुनौती बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के साथ ही उनके अंदर मानवीय मूल्यों को मजबूत करना भी आवश्यक है। पुलिस शोध एवं विकास ब्यूरो इस दिशा में नोडल एजेंसी होने के कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस का आयोजन भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने किया है। उत्तराखंड पुलिस विभाग को पहली बार इसकी मेजबानी मिली है। इसमें देशभर में पुलिस व्यवस्था से संबंधित अनुभवी विषय विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संदर्भ व्यक्ति के रूप में भाग ले रहे हैं। पश्चिम बंगाल के गवर्नर एनके नारायण, उप्र के राज्यपाल बीएल जोशी, नागालैंड के गवर्नर निखिल कुमार इस पुलिस साइंस कांग्रेस में विषय विशेषज्ञ के रूप में अपने व्याख्यान देंगे। इसके अतिरिक्त आईबी, सीबीआई और केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ पूर्व एवं वर्तमान अधिकारी इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने अनुभव एवं ज्ञान को प्रतिभागियों में बाटेंगे।
तीन दिवसीय पुलिस कांग्रेस में पुलिस व्यवस्था से संबंधित कई विषयों पर प्रतिभागी विभिन्न सत्रों में आपसी विचार विमर्श करेंगे। इसमें प्रमुख बिंदुओं में- आंतकवाद, मानव तस्करी, नई सूचना क्रांति एवं साइबर क्राइम, पुलिस की कार्य प्रद्धति में सत्य निष्ठा की भूमिका, पुलिस साइंस, सामुदायिक पुलिसिंग, सीमांत क्षेत्रवासियों की देश की सुरक्षा में भूमिका, प्रजातंत्र में पुलिस की जवाबदेही, पुलिस की नेतृत्व क्षमता आदि प्रमुख है। उद्घाटन सत्र में उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार, पुलिस महानिदेशक जेएस पांडेय, बीपीआरएनडी के महानिदेशक विक्रम श्रीवास्तव, एडीजी एसके भगत, डीआईजी दीपम सेठ, अभिनव कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिकारी एवं प्रतिभागी उपस्थित थे।