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नई दिल्ली। भारत सरकार, विद्वान लेखकों, कलाकारों और इस क्षेत्र के अन्य ऐसे व्यक्ति जो गरीबी की हालात में जीवन व्यतीत कर रहे हों, उनके और उनके आश्रितों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की योजना चला रही है जिसके तहत पात्र वृद्ध कलाकारों को 4 हज़ार रूपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
इस योजना की पात्रता के लिए व्यक्ति विशेष को कला, लेखन जैसे क्षेत्रों में विद्वता हासिल होनी चाहिए। परंपरागत विद्वान जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की हो वे भी इस योजना के लिए पात्र होंगे। हालांकि, आवेदक की निजी आय (पति या पत्नी की आय को मिलाकर) प्रतिमाह 4 हज़ार रूपये से अधिक और उसकी उम्र 58 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
इस योजना के दो घटक हैं- केंद्रीय कोटा जिसमें केंद्र सरकार 4 हज़ार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है, दूसरा केंद्र-राज्य-कोटा जिसके तहत केंद्र सरकार प्रतिमाह 3500 रुपये की सहायता देती है, जबकि संबंधित राज्य सरकार से 500 रुपये प्रतिमाह सीधे लाभार्थी को उपलब्ध करानी है। इस उद्देश्य के लिए सहायता गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर मदद की मंजूरी दे दी गई है।