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भारत-अमरी‍‍का में नि‍वेश समझौते

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ron kirk and anand sharma /रॉन कि‍र्क और आनंद शर्मा

वाशिंगटन। केंद्रीय वाणि‍ज्‍य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा की चार दि‍नों की अमरी‍की यात्रा पर संयुक्‍त राज्‍य व्‍यापार प्रति‍नि‍धि ‍के राजदूत रॉन कि‍र्क से विचार विर्मश में व्‍यापार नीति‍मंच को पुन: शुरू करने और द्वि‍पक्षीय व्‍यावसायि‍क मुद्दों के नि‍पटान के लि‍ए इसे और मजबूत बनाने पर सहमति‍ व्यक्त की गई है। दोनों पक्षों ने भारत-अमरीका द्वि‍पक्षीय नि‍वेश समझौतों के लि‍ए जल्‍द-से-जल्‍द कि‍सी नि‍ष्‍कर्ष पर पहुंचने के लि‍ए त्‍वरि‍त बातचीत पर भी सहमति ‍जताई है। अक्‍तूबर 2011 में होने वाली अगली मंत्री स्‍तरीय टीपीएफ की बैठक के पहले इस संबंध में दो दौर की बातचीत की जाएगी। इस बैठक में द्वि‍पक्षीय व्‍यापार और व्‍यावसायि‍क संबंधों से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

आनंद शर्मा ने राजदूत कि‍र्क को सतत उच्‍च जीडीपी वि‍कास दर को बनाए रखने में भारत के कदमों की जानकारी दी, साथ ही भारत में अमरी‍की अवसर के बारे में भी बताया। उन्‍होंने अवसंरचना, कृषि‍ और खाद्य प्रसंस्‍करण, कोल्‍ड चेन लॉजि‍स्‍टि‍क सहि‍त इलेक्‍ट्रॉनि‍क उपकरणों के नि‍र्माण जैसे क्षेत्रों में द्वि‍पक्षीय सहयोग के बारे में अवगत कराया। उन्‍होंने अमरी‍का में भारतीय उद्योगों के संचालन से संबंधि‍त मुद्दों को भी उठाया। बाद में भारतीय मंत्री ने बताया कि‍ अमेरि‍का ने भारत ने वि‍भि‍न्‍न वस्‍तुओं, जि‍नमें बीज रहि‍त मुनक्‍का, कच्‍चा पि‍स्‍ता, प्रसंस्‍कृत खाद्य पदार्थ, चि‍कि‍त्‍सा उपकरण, उर्वरक शामि‍ल हैं, पर शुल्‍कों में कमी का स्‍वागत कि‍या है। यूएसटीआर ने भी नि‍वेश के वातावरण में सुधार करने और सहयोग बढ़ाने में भारतीय प्रयास की सराहना की।

इसके पहले 22 जून को आनंद शर्मा ने सामरि‍क एवं अंतर्राष्‍ट्रीय अध्‍ययन केंद्र में नी‍ति‍ नि‍र्धारकों, आर्थि‍क वि‍शेषज्ञों और वि‍द्वानों के समूह को संबोधि‍त कि‍या। उन्‍होंने वि‍त्‍तीय और आर्थि‍क संकट के कारण वैश्‍वि‍क अर्थव्‍यवस्‍था में हो रहे असंतुलन के संदर्भ में उभरती अर्थव्‍यवस्‍था की भूमि‍का पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय वि‍नि‍र्माण एवं नि‍वेश क्षेत्र तैयार कि‍ये जाने के बारे में भारत की योजना के बारे में भी जानकारी दी। वाणि‍ज्‍य और उद्योग मंत्री ने न्‍यूयार्क में सीईओ उद्योग गोलमेज सम्‍मेलन का भी आयोजन कि‍या, जहां उन्‍होंने भारत में व्‍यावसायि‍क अवसरों की पहचान के लि‍ए साथ-साथ नि‍वेश फर्मों और बड़े व्‍यवसाईयों के शीर्ष प्रति‍नि‍धि‍यों से भी बातचीत की।

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