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कॉर्पोरेट प्रशासन का स्‍पष्‍टीकरण

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नई दिल्ली। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि 1 जून 2011 को जारी हुआ परिपत्र संख्‍या 33/2011 उन कंपनियों और निदेशकों पर लागू होगा, जिसने कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 220 और/या 159 के तहत आवश्‍यक अपनी बैलेंसशीट और वित्त वर्ष 2006-07, 2007-08, 2008-09 और 2009-10 में से किसी भी साल का सालाना रिटर्न कंपनियों के रजिस्‍ट्रार के पास नहीं जमा किया है। इसे एक बार फिर दोहराया जा रहा है कि उपर्युक्‍त परिपत्र 3 जुलाई 2011 से प्रभावी होगा। उल्‍लेखनीय है कि कॉर्पोरेट मंत्रालय ने 1 जून 2011 को जारी परिपत्र में सूचित किया था कि कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने और कंपनी अधिनियम 1956 के समुचित अनुपालन के लिए किसी भी घटना संबंधी कोई सूचना या परिवर्तन के लिए ऐसी कंपनियों से किसी भी रूप मौखिक, लिखित या ई-प्रारूप में कोई भी अनुरोध कंपनी रजिस्‍ट्रार द्वारा तब तक स्‍वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि वे नवीकृत बैलेंसशीट और लाभ-हानि खाते और सालाना रिटर्न को कंपनियों के रजिस्‍ट्रार के यहां जमा नहीं कर देते।

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