स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। मादक पदार्थों के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मंत्रालय के सहयोग से देश में 416 सक्रिय समग्र पुनर्वास केंद्र चलाये जा रहे हैं और इनमें सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पूरा ध्यान दिया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि बच्चों, किशोरों और युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या सबसे गंभीर है और इस कारण उनका मंत्रालय इसकी रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है। यह समस्या के कारण जनसांख्यिकीय परिवर्तन का सामना कर रहे परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की प्रतिनिधि क्रिस्टीना अल्बर्टिन ने उनका संदेश पढ़ा। जिसमें कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र के तंत्र के तहत अवैध ड्रग्स के सेवन की रोकथाम की रणनीति विकसित करने और इसके अभ्यस्त लोगों को पुनर्वास के बाद संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, शांति भवन, सुरक्षा, विकास और निरस्त्रीकरण की गतिविधियों में शामिल करने तथा इन सबके समन्वय के लिए एक कार्य बल गठित किया जाएगा। संदेश में आगे कहा गया कि इस दोहरे खतरे के कानून और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान के माध्यम से समाधान ढूंढने का महत्व जानने और उसे प्रचारित करने का मौका इस दिवस के रूप में मिला है।
मादक पदार्थों की लत के एक शिकार ने जो 11 वर्ष की आयु में इस चंगुल में फंस गया था, समारोह के दौरान अपने अनुभव और कष्ट साझा किये और यह भी बताया कि कैसे लत के इस खतरे से बचने के लिए उपचार लाभदायक होगा। सामाजिक शिक्षा और साक्षरता विभाग की सचिव अंशु वैश ने इस मौके पर कहा कि उनके मंत्रालय के 155 बाल भवनों और 77 बाल केंद्रों का नेटवर्क मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के काम पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसके लिए गत वर्ष एक करोड़ से अधिक रुपए की राशि मंजूर की गई है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव केएम आचार्य ने केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों सहित विभिन्न हितधारकों से कहा कि वे नशीली दवाओं की लत और तस्करी की बुराई पर अंकुश लगाने के लिए हाथ मिलाएं। उन्होंने इस वर्ष के अभियान की थीम 'स्वास्थ्य की चिंता करो, मादक पदार्थों को ना कहो' पर विशेष जोर दिया।
केंद्रीय मंत्रियों ने इस अवसर पर सड़कों पर जीवन काट रहे अनाथ बच्चों के लिए संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ नियंत्रण संगठन (यूएनओडीसी) से तैयार मादक द्रव्य रोकथाम सह प्रशिक्षण संहिता, शराब की लत की रोकथाम के लिए चेन्नई के टीटीके अस्पताल के एक सामुदायिक दृष्टिकोण से संहिता भी जारी की। नई दिल्ली स्थित सोसायटी फार प्रोमोशन आफ यूथ एंड मासेस (एसपीवाईएम) ने तैयार प्रशिक्षण संहिता 'बातों बातों में', राष्ट्रीय बाल भवन ने प्रतियोगिताओं के जरिए चयनित मादक द्रव्य निरोधक विषयक पोस्टर और पंजाब के दस जिलों के 3000 गांवों और मणिपुर के सात जिलों के 750 गांवों में परियोजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश भी इस मौके पर जारी किए।
गृह मंत्रालय के मादक द्रव्य नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मादक पदार्थ सेवन की बुराई के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाने और इस पर नियंत्रण के लिए समर्थन जुटाने और 'नशीली दवाओं के सेवन और तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के आयोजन के अवसर पर देश भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध नियंत्रण कार्यालय (यूएनओडीसी) के अभियान का विषय 'स्वास्थ्य की चिंता करो, मादक पदार्थों को ना कहो' है। नशीली दवाओं के सेवन के खिलाफ जागृति के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार की समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और भाषाएं विभाग की मंत्री प्रोफेसर किरण वालिया और मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो के महानिदेशक ओपीएस मलिक ने नई दिल्ली में इंडिया गेट पर 3000 प्रतिभागियों की एक सामूहिक दौड़ को झंडी दिखायी।
मादक द्रव्य नियंत्रण ब्यूरो ने जनता को शिक्षित करने के लिए इस मौके पर विभिन्न मादक दवाओं के नमूनों वाली प्रदर्शनी का आयोजन किया। एनसीबी ने मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न नुक्कड़ नाटक, सेमिनार, पोस्टर प्रतियोगिता, वाद-विवाद आदि का भी आयोजन किया। इंडिया गेट पर कार्यक्रम का आयोजन मादक द्रव्य नियंत्रण ब्यूरो, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संयुक्त रूप से किया। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार और एनजीओ दिल्ली स्वास्थ्य एवं फिटनेस ट्रस्ट भी शामिल थे।