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देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को आईटी पार्क के निकट चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष महानिदेशालय के भवनों का लोकार्पण किया। सहस्त्रधारा रोड पर स्थित ग्राम डांडा लखौंड में लगभग 2.5 हेक्टेयर क्षेत्रफल के परिसर में लगभग 15 करोड़ रुपए की लागत से एलौपैथिक, होमियोपैथिक और आयुर्वेदिक ब्लॉक बनाए गए हैं। भवन का निर्माण मई 2008 में प्रारंभ हुआ था। भवन की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम है।
लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एलोपैथिक और आयुष दोनों ही क्षेत्रों में तेजी से कार्य हो रहा है। जहां एक ओर एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए श्रीनगर एवं हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित है, वहीं शीघ्र ही देहरादून और अल्मोड़ा में भी मेडिकल कॉलेज खुल जाएगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से डाक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश को थोड़ी राहत मिलेगी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमएस और एमडी पाठ्यक्रम में 27 सीटों की अनुमति मिलने से विशेषज्ञ डाक्टरों की उपलब्धता भी शुरू हो जाएगी। निशंक ने कहा कि आयुर्वेद होमियोपैथ और एलोपैथ तीनों विधाओं में उत्तराखंड में सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कई कॉलेज स्थापित हो गए हैं। देहरादून से प्रदेश का पहला बीएससी नर्सिग कॉलेज भी प्रारंभ हो गया है और शीघ्र ही नर्सिंग कॉलेजों की एक पूरी श्रृंखला प्रदेश में शुरू की जाएगी।
सचिव स्वास्थ्य डॉ उमाकांत पंवार ने बताया कि उत्तराखंड में पिछले तीन वर्षो में 500 स्वास्थ्य उपकेंद्र, 37 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एक जिला अस्पताल खोला गया है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ आशा माथुर, आयुर्वेद महानिदेशक डॉ पूजा भारद्वाज, होमियोपैथिक निदेशक डॉ बीसी लखेड़ा, एनआरएचएम के निदेशक पीयूष सिंह, अपर सचिव अजय प्रद्योत सहित बड़ी संख्या में अधिकारी एवं अतिथि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने लोकार्पण के बाद आईटी पार्क का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री, पार्क में जेनपैक्ट कंपनी, आईटी 23 में पहुंचे और वहां कार्यरत युवाओं से मुलाकात की। उन्होंने युवाओं से उनकी शैक्षिक योग्यता और उनके वेतन इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने उनसे आईटी पार्क की अन्य कठिनाईयों के बारे में भी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अपने सचिव डॉ उमाकांत पंवार को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर आईटी पार्क में कार्यरत सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में आईटीडीए के निदेशक और सिडकुल के प्रबंध निदेशक को भी बुलाने के निर्देश दिए। यहां आईटीडीए के निदेशक रविनाथ रामन, जिलाधिकारी सचिन कुर्वे सहित सिडकुल और आईटीडीए के अधिकारी उपस्थित थे।