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ग्राम न्यायालय की स्थापना की जाए-मोइली

कलकत्ता उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे

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कलकत्ता हाईकोर्ट-calcutta high court

कोलकाता। विधि और न्याय मंत्री डॉ एम वीरप्पा मोइली ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा है कि केंद्र सरकार, उच्च न्यायालय में लंबित पड़े मामलों की संख्या घटाने की इच्छुक है इसलिए वह शनिवार से एक अभियान की शुरूआत कर रही है, इसके तहत न्यायधीशों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायधीशों की अनुमति संख्या 58 है जबकि यहां 46 न्यायधीश कार्यरत हैं। इस प्रकार 7 रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

कलकत्ता उच्च न्यायालय की स्थापना हाई कोर्टस एक्ट, 1861 के तहत 14 मई, 1862 को की गई थी लेकिन इसने 1 जुलाई 1862 को औपचारिक तौर पर काम करना शुरू किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय देश का पहला और शुरूआत के 3 उच्च न्यायालयों में से एक है। दो अन्य उच्च न्यायालय बांबे और मद्रास में अस्तित्व में आए। इसी वर्ष सर ब्रेंस पीकॉक को कलकत्ता उच्च न्यायालय का पहला मुख्य न्यायधीश नियुक्त किया गया। इस उच्च न्यायालय में पदभार ग्रहण करने वाले प्रथम भारतीय जस्टिस सुम्बू नाथ पंडित थे, जिन्होंने 2 फरवरी 1863 को पदभार संभाला। उच्च न्यायालय की शुरूआत 13 न्यायधीशों से हुई थी, जिसे 1955 में बढ़ाकर 20 कर दिया गया। वर्ष 2007 में न्यायधीशों की संख्या बढ़ाकर 58 कर दी गई है। उच्च न्यायालय भवन का निर्माण 1872 में किया गया था। इस भवन की मरम्मत के लिए 19.70 करोड़ रुपये जारी किये गए। यह भवन हमारी विरासत है और केंद्र सरकार ने अपनी एक विशेष योजना के तहत 425.26 लाख रुपये राज्य सरकार को इसमें आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रदान किये गए।

मोइली ने कहा कि केंद्र सरकार, न्याय को लोगों के द्वार तक पहुंचाने की इच्छुक है इसलिए उसने ग्राम न्यायालय कानून 2007 बनाया जो 2 अक्टूबर 2009 से अस्तित्व में आ गया। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से गुजारिश की कि वह ग्राम न्यायालय की स्थापना के लिए कदम उठाए। केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों की सुविधा के लिए वर्ष 2006 में कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ जलपाईगुडी में स्थापित करने का निर्णय लिया था, अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसके लिए आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जेल में बंद कैदियों की संख्या और विचाराधीन मामलों को कम करने की दिशा में 26 जनवरी 2010 को एक कार्यक्रम की शुरूआत कर चुकी है। इसके बहुत सकारात्मक परिणाम मिले हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, कलकत्ता उच्च न्यायालय की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेती है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उन्होंने कलकत्ता बार एसोसिएशन को यह कार्यक्रम आयोजित करने पर धन्यवाद दिया।

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