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नई दिल्ली। कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयला खदान श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कई उपाय किए हैं। इसके तहत सभी मजदूरों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 4.19 लाख इकाइयों को बनाया गया है और पानी, बिजली और सड़कों की उचित व्यवस्था की गयी है। कामगारों के स्वास्थ्य के लिए केंद्रीय अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों और डिस्पेंसरियों की स्थापना विभिन्न स्थानों पर की गई है और इनमें नवीनतम उपकरण लगाए गए हैं। मौजूदा समय में 86 अस्पताल, 640 एम्बूलेंस, 423 डिस्पेंसरी और 5835 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल कार्यरत हैं।
कोयल मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने अपने मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति को बताया कि कोल इंडिया और उसकी सहायक इकाइयों को आदेश दिया गया है कि वे सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य का परीक्षण निश्चित अवधि के बाद दोबारा करें। कर्मचारियों के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा के लिए कई उपाय किए गए हैं। कर्मचारियों के बच्चों को आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय मदद दी जाती है। श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि कोयला कंपनियों को आदेश दिए गए हैं कि वे खदान परियोजना के आस-पास रह रहे लोगों और परियोजना से प्रभावित लोगों को बेहतर से बेहतर सेवाएं मुहैया कराएं। इस विचार-विमर्श में संसद सदस्यों ने खदान परियोजनाओं के आस-पास रह रहे मजदूरों और खासतौर पर अनुबंधित श्रमिकों को आ रही कठिनाइयों के बारे में चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सुरक्षित पेयजल और अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए।