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पटना में पांच नए डीपीआर

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नई दिल्ली। भारत में डोप्‍लर मौसम राडार संस्‍थापित करने के लिए आधुनिकीकरण योजना के तहत मई के दौरान पटना में पांच नए डीपीआर संस्‍थापित किए जा चुके हैं, इनके साथ ही देश में डीपीआर की कुल संख्‍या 10 हो गई है। यह भू-विज्ञान मंत्रालय के लक्ष्‍य से मात्र तीन डीपीआर कम है। वातावरण के क्षेत्र में अब 604 ऑटोमेटिक मौसम केंद्र, 371 ऑटोमेटिक वर्षा पैमाने और 11 जीपीएस सॉंडे हैं। इस अवधि के दौरान नांदेड हवाई अड्डे पर डिजिटल करंट वेदर उपकरण प्रणाली और डिजिटल दूरी वायु उपकरण संस्‍थापित किए गए और चालू किए गए। इससे नियंत्रण कक्ष में रनवे पर वर्तमान मौसम को दर्शाने में मदद मिलेगी।

पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में 18-19 मई के दौरान 72 घंटे पहले ही गंभीर आंधी-बारिश की भविष्‍यवाणी की गई। यूके मैट आफिसबेस्‍ड कपल्‍ड मॉडल का तीन महीने तक सफल परीक्षण किया गया। जलवायु अनुसंधान के क्षेत्र में कॉस्मिक किरणों के अवलोकन में कुछ परिणाम हासिल हुए। पृथ्‍वी संबंधी प्रक्रिया पर कॉस्मिक किरणों और मानव स्‍वास्‍थ्‍य पर गैल्‍वेटिक कॉस्मिक किरणों के प्रभाव के अवलोकन से पता लगा कि कॉस्मिक किरण जलवायु में लघु अवधि और दीर्घावधि परिवर्तनों को नियंत्रित करती है। सनस्‍की रेडियोमीटर के इस्‍तेमाल से पुणे में एयरोसोल विशेषताओं के पहले प्रेक्षणीय परिणामों से पता चला कि यह लोडिंग बहुत अधिक मौसमी परिवर्तन करते हैं जो मानसून पूर्व समय अवधि के दौरान ज्‍यादा गंदे एयरोसोल प्रभावी करते हैं।

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