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नई दिल्ली। सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया ने विश्वास व्यक्त किया है कि देश में अब किसानों का शोषण और अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पीएल पुनिया बहुजन समाजवादी पार्टी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें उसने राहुल गांधी की चार दिन किसानों के बीच चली पदयात्रा के दौरान मरोडगढ़ी गांव में उदयवीर दलित के घर रात्रि विश्राम को नाटक बताया है।
पुनिया ने कहा कि बसपा को झूठ बोलने और गुमराह करने की महारथ हासिल है। पुनिया ने कहा कि उन्होंने स्वयं उदयवीर का बयान टीवी पर देखा है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा है कि राहुल गांधी ने बहुत सहज ढंग से उनके आवास पर ही स्नान कर घर में बना भोजन किया और देर रात तक परिवार से बात करते रहे। बसपा का यह कहना कि भोजन बाहर से मंगवाया गया था पूर्णतयाः भ्रामक एवं झूठा है। बसपा की अध्यक्ष मायावती को अच्छी तरह से पता है कि यह पहला अवसर नहीं है जब राहुल गांधी ने दलितों के घर में रात्रि विश्राम कर वहीं पर भोजन गृहण किया हो। पहले भी मायावती ने मनगढ़ंत और झूठा प्रचार किया था कि राहुल गांधी को दलित परिवार के घर रूकने एवं उसके साथ भोजन करने के बाद उनका विशेष खुशबुदार साबुन से स्नान कराया जाता है और आज भी उसी तरह का आरोप लगाया गया है।
पुनिया ने कहा कि राहुल गांधी ने दलितों के मन में विशेष जगह बना ली है और वे उन्हें अपना मानते हैं, दूसरी तरफ मायावती ने लखनऊ में किसी से भी मिलने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और उनके लखनऊ से बाहर जिलों के भ्रमण के दौरान कर्फ्यू लगा दिया जाता है ताकि कोई उनसे मिलने की हिम्मत न कर सके। राहुल गांधी साधारण तरीके से लोगों से मिलते हैं, जिसके कारण उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बना ली है, इससे मायावती क्यों परेशान हो रही हैं? बसपा की अध्यक्ष को हमेशा असुरक्षा का भाव सताता रहता है, हमेशा उन्हें डर लगा रहता है कि दलित उनसे टूट कर कांग्रेस पार्टी में जा रहा है और उसके लिए वह हर क्षण झूठ का सहारा लेती हैं। उन्होंने अलीगढ़ में कांग्रेस की किसान पंचायत को सफल बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती असुरक्षा के भाव से ग्रसित होकर उनके लिए कई बार झूठ बोल चुकी हैं कि पुनिया चमार जाति से संबंधित नहीं हैं, मायावती स्वयं बहुत अच्छी तरह से जानती हैं कि पुनिया भी उनकी तरह चमार जाति से हैं। पुनिया ने मायावती को परामर्श दिया है कि वे झूंठ का सहारा लेने के बजाय दलितों पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाएं, दलित समाज की बहन-बेटियों के साथ बलात्कार एवं हत्या के अपराधों को रोकने का प्रयास करें और इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को संरक्षण प्रदान करना बंद करें। उत्तर प्रदेश सरकार दलित समाज से संबंधित भारत सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को सही ढ़ंग से लागू करे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में चतुर्थ श्रेणी तक की छोटी-छोटी नौकरियों में भी बिना रिश्वत लिये भर्ती नहीं हो रही है, मायावती इस भ्रष्टाचार को बंद करें।
पुनिया ने मायावती से सवाल पूछा है कि आखिर क्यों दलित समाज बसपा को अपना वोट और समर्थन दे? बसपा सरकार बहुजन समाज की उपेक्षा कर अब केवल सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का झूंठा नारा दे रही है, सच तो यह है कि आज किसी भी समाज का भला नहीं हो रहा है और दलित मुख्यमंत्री के राज में दलित समाज ही सबसे ज्यादा पीड़ित है। पुनिया ने आगे कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, भारतीय संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुरूप निष्पक्ष तरीके से अपना काम करता है, यदि उत्तर प्रदेश में दलित एवं पिछड़ों पर अत्याचार बंद हो जाएं, दलितों के लिए बनी कल्याणकारी योजनाओं को सही ढ़ंग से लागू कर दिया जाए एवं दलित छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण, फीस का भुगतान, हॉस्टल की सही ढंग से व्यवस्था करा दी जाए तो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को उत्तर प्रदेश में अधिक हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नही रहेगी।
पुनिया ने मायावती को परामर्श दिया है कि वे प्रदेश के प्रशासन कि मुखिया होने के नाते अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें और कांग्रेस जो स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीति कर रही है, उसमे झूठ एवं भ्रामक प्रचार का सहारा लेकर हस्तक्षेप करने का दुस्साहस न करें।