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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने सोमवार को पोलैंड के विदेश मंत्री रादोस्लाव सिकोर्स्की से मुलाकात की। द्विपक्षीय बैठक के दौरान आनंद शर्मा ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ वृहत व्यापार एवं निवेश समझौता (ईयूबीटीआईए) संबंधित वार्ता अंतिम चरण में है, अब तक इस वार्ता के तेरह दौर हो चुके हैं। लंदन में 3 जून 2011 को वाणिज्य सचिव एवं यूरोपीय संघ के महानिदेशक व्यापार के बीच बैठक आयोजित की गयी थी, दोनों पक्षों ने बातचीत में तेजी दिखाई ताकि वार्ता को खत्म किया जा सके। इस वार्ता के दौरान, वस्तुओं के व्यापार, स्वच्छता उपायों और व्यापार में तकनीकी बाधा, सेवा व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, रक्षा व्यापार, विवाद निपटान, सरकारी खरीद एवं सतत विकास संबंधी मुद्दों पर बातचीत की गई। उन्होंने बताया की टीईआरसी (व्यापार और आर्थिक संबंध समिति) से प्रदत्त अधिकारों के तहत वार्ता आगे बढ़ायी जा रही है।
बैठक के दौरान वाणिज्य मंत्री ने अपने समकक्ष से आग्रह किया कि भारत-पोलैंड द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधी मुद्दे को भारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधी मुद्दे से अलग नहीं रखा जा सकता है। आनंद शर्मा ने बताया कि 2008-2010 के बीच मंदी छाये रहने के बावजूद दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध रहे, जिसमें कोई कमी नहीं आयी। भारत और पोलैण्ड के बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2008-09 में 784.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2009-10 में 808.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा और यह वर्ष 2010-11 में पहले तीन तिमाही में 771 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। अप्रैल 2011 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक के रूप में पोलैंड को 42वां स्थान प्राप्त हुआ है। आनंद शर्मा ने बैठक के दौरान बताया कि पोलैंड भारत में रेलवे उपकरणों जैसे पहिया, धूरियां, टर्बाइन और डीजल इंजन का मुख्य आपूर्तिकर्ता है। भारत की ओर से पोलैंड को निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुओं में परिवहन उपकरण, मशीनरी, औषधि, फार्मास्युटिकल्स, रसायन, तैयार वस्त्र आदि हैं। इसी प्रकार पोलैंड से भारत में आयात होने वाली वस्तुओं में कोयला, मशीनरी, लौहा एवं इस्पात यंत्र और औज़ार शामिल हैं।