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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल और जिम्मेदारियों में फेरबदल के बाद मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। राजीव शुक्ला ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में नया पदभार संभाला। राजीव शुक्ला वर्ष 2000 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गये थे। तेरह सितंबर 1959 को कानपुर में जन्मे शुक्ला इससे पहले विदेश मंत्रालय, वित्त, नागर विमानन और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की सलाहकार समितियों में रह चुके हैं। वह सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में समिति, भारतीय प्रेस परिषद, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर समिति तथा सदन की कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। राजीव शुक्ला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की संचार और समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं और पेशे से पत्रकार हैं।
डॉ एम वीरप्पा मोइली ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में शास्त्री भवन में अपना नया पदभार संभाला। इस अवसर पर कॉर्पोरेट मामलों के सचिव डीके मित्तल और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोइली ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि संसद में रखा गया कंपनी विधेयक 2009 आसानी से पारित हो जाए और निगम से संबंधित क्षेत्र प्रभावकारी तरीके से काम करे। बाद में डॉ मोइली ने राज्य मंत्री आरपीएन सिंह सहित मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की और कामकाज में पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया।
सलमान खुर्शीद ने विधि और न्याय मंत्री के रूप में कार्यभार संभालते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता उनके पूर्ववर्ती के महत्वपूर्ण कार्यों और सुधारों को जारी रखना है। खुर्शीद ने कहा कि अन्य प्राथमिकताओं के अलावा वह लोकपाल विधेयक, खाद्य सुरक्षा विधेयक, सांप्रदायिक हिंसा विधेयक, न्यायिक जवाबदेही विधेयक और अन्य विधेयकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। सॉलिसीटर जनरल के काम के संबंध में उन्होंने कहा कि वह इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले प्रधानमंत्री के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे। भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर खुर्शीद ने कहा कि भूमि अधिग्रहण नीति के हरियाणा जैसे कुछ अच्छे उदाहरण हमारे सामने हैं और सरकार जल्दी ही इस विधेयक को संसद में लाने की दिशा में कार्य करेगी।
जयंती नटराजन राज्यसभा में तमिलनाडु से प्रतिनिधित्व करती हैं। उनका जन्म चेन्नई में 7 जून,1954 को हुआ। सन् 1997-98 में वह नागरिक उड्डयन एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री भी थीं। वह राज्यसभा के लिए 1986, 1992, 1997 और 2008 में चुनी गईं। नटराजन केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की आम सभा की सदस्य भी रह चुकी हैं। वह 1991, 1992, 1996 और 2008 में उपाध्यक्ष के पैनल के लिए मनोनीत हुईं। सन् 1992 से उन्होंने विशेषाधिकार समिति, दोनों सदनों की पर्यावरण एवं वन समिति, सलाहकार समिति, लोक लेखा समिति, गृह मामलों की समिति, नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति, बच्चों के लिए संसदीय मंच, सामान्य प्रयोजन समिति सहित अन्य समितियों में काम किया। अगस्त 2009 से उन्होंने कार्मिक, लोकशिकायत, विधि एवं न्याय समिति के अध्यक्ष के रूप में काम किया। जयंती नटराजन पेशे से वकील हैं। उनके सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में पुस्तक और कविता पढ़ने के अलावा संगीत, थियेटर और नाटक का कार्य शामिल है। वह स्वयं को अखिल भारतीय महिला सम्मेलन, पर्यावरण समाज और गरीबों को कानूनी सहायता देने संबंधी कार्यों से जोड़े रखती हैं। उन्होंने स्वतंत्र प्रभार के रूप में पर्यावरण और वन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला।
विलासराव दागादोजीराव देशमुख ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। वे राज्य सभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। पदभार ग्रहण करने से पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक मंत्री थे। वह 1999 से 2003 और 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमत्री रह चुके हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर जिले के बाभलगांव में 26 मई 1945 को उनका जन्म हुआ। वे पुणे विश्वविद्यालय के एमईएस अनासाहब गरवारे महाविद्यालय से विज्ञान तथा कला में स्नातक और आईएलएस विधि महाविद्यालय से एलएलबी हैं। उन्होंने युवा काल में ही सामाजिक कार्य करना शुरू कर दिया, जिसमें उनकी रुचि विशेषकर सूखा राहत कार्य में थी। वह ओस्मानाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक एवं 1979 में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के निदेशक भी चुने गये। देशमुख ने 1974 से 1979 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और बाभलगांव पंचायत के सदस्य और 1974 से 1976 में सरपंच रहे। वह ओस्मानाबाद जिला परिषद के सदस्य रहे और 1974 से 1980 तक लातूर तालुका पंचायत समिति (लातर जिला पंचायत समिति) के उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1975 से 1978 में ओस्मानाबाद जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और युवा कांग्रेस के पांच सूत्री कार्यक्रम को लागू किया। वह 1980 से 1980 से 1985 तक महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य रहे, जिसमें वे 1980, 1990 के चुनाव में निर्वाचित हुए। इस अवधि के दौरान राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने गृह, सामान्य प्रशासन, लोक निर्माण, परिवहन, विधायी कार्य, पर्यटन, कृषि, पशुपालन, डेयरी विकास, मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और खेल एवं युवा कल्याण विभाग का भार संभाला। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में 1982 से 1985 तक मंत्री के रूप में कार्य किया, जिसमें उन्हें राजस्व, सहयोग, कृषि, गृह, उद्योग और शिक्षा विभाग का पदभार संभाला।
मिलिंद देवड़ा ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री के रूप में पदभार सँभाला। देवड़ा महाराष्ट्र में दक्षिण मुंबई क्षेत्र से सांसद हैं। देवड़ा का जन्म 1976 में हुआ। उन्होंने मुंबई और अमरीका स्थित बोस्टन विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली। विदेश से लौटने के बाद उन्होंने कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों को शिक्षित करने के लिए एक सामाजिक पहल स्पर्श की स्थापना की। इस कार्यक्रम से एक लाख से अधिक लोगों को मदद मिली और इस तरह के कार्यक्रम देश के अन्य भागों में भी चलाये जा रहे हैं। देवडा़ 2004 में 27 वर्ष की उम्र में दक्षिण मुंबई क्षेत्र से पहली बार सांसद चुने गये। उस समय वह सबसे कम उम्र के सांसद थे। उन्हें संगीत पसंद है और बहुत अच्छा गिटार बजाते हैं। देवड़ा को स्वीमिंग और स्क्वैश खेलना पसंद है। वह दुनिया में काफी घूम चुके हैं। मिलिंद देवड़ा का विवाह पूजा मिलिंद देवड़ा से हुआ, जो फिल्म प्रोडेक्शन कंपनी चलाती हैं।
सुदीप बंदोपाध्याय ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री के रूप में पदभार संभाला। बंदोपाध्याय 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। बहरमपुर में 10 दिसंबर 1952 में जन्मे बंदोपाध्याय रेलवे, रक्षा की सलाहकार समितियों और लोक उपक्रम, वित्त, विशेषाधिकार, श्रम और कल्याण मंत्रालयों की समितियों के सदस्य रह चुके हैं।
हरीश रावत ने संसदीय मामले मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। वे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में भी काम करते रहेंगे। हरीश रावत सर्वप्रथम 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए थे और बाद में 1984, 1989 और उसके बाद 2009 में पंद्रहवीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में अपना वर्तमान कार्यभार संभालने से पहले वे 2009 में श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे हैं। उत्तराखंड में 27 अप्रैल 1948 में जन्मे हरीश रावत उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं।