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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा भारतीय स्टेट बैंक कमर्शियल एंड इंटरनेशनल बैंक लिमिटेड के अधिग्रहण को मंज़ूरी दे दी। भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 की धारा 35 की उपधारा (2) के अनुसार यह मंज़ूरी दी गई है। भारतीय स्टेट बैंक के एसबीआईसीआई बैंक के अधिग्रहण के लिए नियमों और शर्तों के निर्धारण के लिए एक अधिग्रहण योजना को दोनों बैंकों के निदेशकों और भारतीय रिजर्व बैंक ने मंज़ूरी दे दी है। अधिग्रहण योजना के आधार पर मसौदे का 'आदेश' बनाया गया है और इसे राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा।
एसबीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एसबीआई के पूर्ण स्वामित्व नियंत्रण वाला बैंक है जिसकी स्थापना 1994 में तत्कालीन बैंक ऑफ क्रेडिट एंड कॉमर्स इंटरनेशनल लिमिटेड (बीसीसीआई) के 1991 में दिवालिया घोषित होने के पश्चात उसे अधिग्रहित कर की गई थी। एसबीआईसीआई बैंक लिमिटेड की मात्र दो ही शाखाएं हैं। यह दोनों शाखाएं मुंबई में है। इसकी शुरुआत से ही इसने किसी लाभांश का भुगतान नहीं किया। पिछले वर्ष 31 मार्च के मुताबिक सौ करोड़ रुपए के पूंजी आधार पर इसके पास मात्र 128.74 करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति थी।
समग्र विश्लेषण में, मौजूदा रुप में एसबीआईसीआई के जारी रहने से एक ऐसी दीर्घकालिक संस्था की स्थापना नहीं की जा सकती थी, जिसकी अपनी एक अलग पहचान हो और जो मध्यावधि में स्वंय को संभाल सके। जहां भारतीय स्टेट बैंक का मौजूदा कोई भी लाभार्थी इससे प्रभावित नहीं होगा, वहीं एसबीआई कमर्शियल एंड इंटरनेशनल बैंक लिमिटेड के ग्राहकों को इससे फायदा होगा जिनकी पहुंच अब भारतीय स्टेट बैंक के विशाल नेटवर्क तक होगी।