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शहर से गांव तक ई-क्रांति की तैयारी

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नई दिल्ली। संचार और सूचना तकनीकी मंत्री कपिल सिब्‍बल ने कहा है कि दूरसंचार आयोग ने बैठक कर पंचायतों को ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए राष्‍ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के निर्माण की सिफारिश की है। इस योजना के महत्‍वपूर्ण अंशों की जानकारी देते हुए संचार मंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्‍य सामान्‍य सेवा अनुग्रह कोष’ (यूएसओएफ) का इस्‍तेमाल कर मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को जिला मुख्‍यालय/ब्‍लॉक मुख्‍यालय के स्‍तर से ग्राम पंचायत स्‍तर तक ले जाना है। राष्‍ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क योजना के प्रारंभिक चरण की लागत लगभग 20 हजार करोड़ रुपये होगी। लोगों को सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए लगभग इतनी ही राशि का निवेश निजी क्षेत्र को भी करना पड़ेगा। दूरसंचार आयोग की सिफारिश के बाद अब इस प्रस्‍ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने मंजूरी के लिए रखा जायेगा।

उन्होंने बताया कि राष्‍ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के निर्माण और उसे लागू करने संबंधित सभी गतिविधियों को तेज करने और उनमें तालमेल बिठाने के लिए एक उच्‍च स्‍तरीय समिति का गठन दूरसंचार विभाग ने 26 अप्रैल 2011 को सार्वजनिक सूचना, ढ़ांचागत एवं नवीकरण पर प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा और यूआईडीएआई के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि की सह-अध्‍यक्षता में किया। उच्‍च स्‍तरीय समिति की अबतक तीन बार बैठकें हो चुकी हैं और इसने एनओएफएन को लागू करने की दिशा में तेजी से कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना के क्रियान्‍वयन की जिम्‍मेदारी एक विशेष उद्देश्‍य वाहन–एसपीवी लेगी। परियोजना के क्रियान्‍वयन और एसपीवी के गठन की शुरुआती गतिविधियों को पूरा करने की जिम्‍मेदारी बीएसएनएल को सौंपी गई है।

इस योजना से रोजगार में वृद्धि, ई-शिक्षा, ई-स्‍वास्‍थ्‍य, ई-कृषि जैसी सुविधाओं के साथ ही ग्रामीण आबादी के शहरी इलाकों में पलायन को रोके जाने की उम्‍मीद है। विश्‍व बैंक के एक अध्‍ययन में पाया गया है कि ब्रॉडबैंड सुविधा में प्रत्‍येक 10 फीसदी की वृद्धि के साथ सकल घरेलू उत्‍पाद 1.4 फीसदी से बढ़ता जायेगा। इससे सरकार को ई-स्‍वास्‍थ्‍य, ई-बैंकिग, ई-शिक्षा जैसी सरकारी सुविधाओं को लागू करने में मदद मिलेगी और इस तरह देश को समेकित विकास होगा।

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