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कला का रूप बाजार की पसंद हो-उप राष्ट्रपति

संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और अकादमी पुरस्‍कार

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हामिद अंसारी-hamid ansari

नई दिल्ली। उप राष्‍ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने एक विशेष प्रतिष्‍ठापन समारोह में वर्ष-2010 के लिए संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप और अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किए। इस अवसर पर हामिद अंसारी ने कहा कि कला के रूप, प्रारूप और व्‍याकरण को माध्‍यम और बाजार की पसंद के अनुसार तैयार किए जाने की जरूरत है और जिसे मोटे तौर पर बाजार कहा जाता है उसके प्रभाव से बाहर निकलने में सक्षम होना एक चुनौती है। एक ओर जहां शुद्धतावादी इस प्रवृत्‍ति से घबराते हैं, वे परंपराओं के साथ जुड़े रहते हैं और प्रयोग से दूर रहते हैं, जो कला सार को कमजोर करते हैं, वहीं अन्‍य लोग इस भूमंडलीकृत विश्‍व में शास्‍त्रीय और स्‍वदेशी कला के रूपों को अपनाने और संरक्षित करने की जरूरत पर जोर देते हैं।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि किसी के पास भी कोई संपूर्ण उत्‍तर नहीं है और शायद इसका कोई संपूर्ण उत्‍तर है ही नहीं, इसके बावजूद भी हमें इसे संरक्षित करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए, यह हमें वैसे भारतीय के रूप में पेश करता है जो अपने पूर्वजों की तरह भारतीय कला, संगीत, नृत्‍य और संगीत का आनंद लेने में सक्षम हैं। पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई देते हुए उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि इन पुरस्‍कारों से सम्‍मानित व्‍यक्‍ति संगीत, नृत्‍य और नाटक के क्षेत्र में राष्‍ट्र की सर्वोच्‍च उपलब्‍धियों का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। इस प्रकार इन पुरस्‍कारों ने हमारी विशाल सांस्‍कृतिक पहचान की बहुपक्षीय अभिव्‍यक्‍तियों को संरक्षित करने और उन्‍हें आगे ले जाने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायी है।

चार प्रख्‍यात हस्‍तियों को अकादमी फैलोशिप प्रदान की गई, जबकि 36 कलाकारों और दो विद्वानों को वर्ष 2010 के लिए अकादमी पुरस्‍कार दिए गए। अकादमी फैलोशिप के सर्वोच्‍च सम्‍मान (अकादमी रत्‍न सदस्‍यता) ख्‍याति प्राप्‍त गिरिजा देवी, विख्‍यात नृत्‍य गुरू नटराजा रामकृष्‍णा, ध्रुपद के उस्‍ताद रहीम फहीमुद्दीन डागर और मृदंगम विद्वान टीके मूर्ति को दिए गए। उन्‍हें तीन लाख रुपये नकद राशि के अलावा एक अंगवस्‍त्रम और ताम्रपत्र प्रदान किए गए। अकादमी का फैलोशिप एक दुर्लभ सम्‍मान है, जो एक निर्धारित समय पर बहुत ही सीमित संख्‍या में कलाकारों और विद्वानों को दिए जाता है। संगीत, नृत्‍य और थियेटर के जिन ख्‍याति प्राप्‍त प्रतिनिधियों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार-2010 से सम्‍मानित किया गया, उन्‍हें एक लाख रूपये नकद राशि, एक अंगवस्‍त्रम और ताम्रपत्र दिए गए।

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