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नई दिल्ली। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव दीपक गुप्ता ने आज नई दिल्ली में सौर ताप ऊर्जा परियोजनाओं के लिए नया अनुरूपी साफ्टवेयर जारी किया। यह साफ्टवेयर भारत की वातावरणीय परिस्थितियों के लिए अनेक अनुरूपी तरीको से परियोजनाओं की संरचना के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल उपकरणों से लैस है। इसके साथ ही यह साफ्टवेयर सौर ताप ऊर्जा परियोजनाओं को संरचना के लिए हितधारकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इस शोध एवं विकास परियोजना की मेगावाट स्तर की सौर ताप ऊर्जा शोध सुविधा के एक भाग के तौर पर विकसित किया गया है।
इसकी मंजूरी 2009 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने दी थी और परियोजना के पांच वर्षों से काम काज के लिए 40 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई थी। इसका उद्देश्य इस मंत्रालय को सौर ऊर्जा केंद्र में सौर ताप ऊर्जा जांच सुविधा उपलब्ध कराना है। आईआईटी, मुंबई, टाटा पावर, टाटा कंसलटिंग इंजीनियर्स, लार्सन एंड टर्बो, हेवी वाटर बोर्ड और कलिक डेवलपमेंट इंडस्ट्रीज जैसे उद्योगों के साथ मिल कर इस परियोजना का क्रियान्वन कर रहा है। यह पूरे एशिया में अपनी तरह की एक मात्र सुविधा है और इसके चालू होने के बाद इसे, भारतीय सौर ताप ऊर्जा परियोजनाओं पर काम करने वाले लोगों के प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।