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इग्नू में संकेत भाषा प्रशिक्षण केंद्र

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नई दिल्ली। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भारतीय संकेत भाषा शोध और प्रशिक्षण केंद्र गठित करने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को 5 वर्ष के लिए इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍वविद्यालय (इग्‍नू) नई दिल्ली में एक स्‍वायत्त केंद्र के रूप में स्‍थापित किया जाएगा। इसके लिए इग्‍नू नई दिल्‍ली के मैदान गढ़ी में 5 एकड़ भूमि उपलब्‍ध कराएगा। यह केंद्र भारतीय संकेत भाषा के अध्‍ययन, अकादमिक विकास और इसके प्रसार, शिक्षण और प्रशिक्षण में केंद्रीय भूमिका निभाएगा। इससे संकेत भाषा को सही रूप में बहुभाषाई, सांस्‍कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक स्‍थान प्राप्‍त हो सकेगा।

सरकार ने इस केंद्र के संकेत भाषा संबंधी, व्‍याख्‍या, पुस्‍तकालय, प्रलेखन और प्रशासन जैसे विभागों के लिए 35 पद सृजित किए जाने को भी मंजूरी दे दी है। यह केंद्र 5 वर्षों से अधिक समय के लिए 44 करोड़ रुपये के अनुमानित लागत से स्‍थापित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने वर्ष 2010-2011 के अपने बजट भाषण में भी इस तरह के केंद्र प्रस्‍थापित करने की घोषणा की थी। इग्‍नू देश में मुक्‍त और दूरवर्ती शिक्षा प्रदान करने वाला प्रवर्तक विश्‍वविद्यालय है जो कम मूल्‍य पर गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करता है। इस विश्‍वविद्यालय में निःशक्त अध्‍ययन का राष्‍ट्रीय केंद्र भी कार्यरत है और यह ब्रिटेन के सेंट्रल लंकाशायर विश्‍वविद्यालय के सहयोग से संकेत भाषा कार्यक्रम चलाता है, इसलिए संकेत भाषा के नए केंद्र के गठन के लिए यह सर्वथा अनुरूप स्‍थान है।

सन् 2001 की जनगणना के अनुसार देश में लगभग 13 लाख बधिर और श्रवण दोष वाले व्‍यक्ति थे। वे अपने संचार के लिए संकेत भाषा का प्रयोग करते हैं। भारतीय संकेत भाषा के अध्‍ययन और सुनियोजित शोध और प्रशिक्षण की सीमित सुविधाओं को देखते हुए 11वीं पंचवर्षीय योजना में भारतीय संकेत भाषा शोध और प्रशिक्षण केंद्र के गठन का विचार किया गया था।

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