स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार एवं सांसद इंदर जीत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। शोक संदेश में प्रधानमंत्री ने दार्जिलिंग हिल्स में शांति स्थापित करने में इंदर जीत के योगदान का उल्लेख किया है। उनकी पत्नी दर्शन इंदर जीत को भेजे इस शोक संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा है कि आपके पति के निधन का समाचार सुनकर मुझे हार्दिक दुःख हुआ है, इंदर जीत जाने माने पत्रकार और सांसद थे, मुझे विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर दिए गए उनके योगदान स्मरण हैं, मैं इंदर जीत को ऐसे पुराने मित्र के रूप में याद करता हूं जिनके साथ मैं दिन प्रतिदिन के मुद्दों पर अक्सर विचार विमर्श एवं वाद-विवाद करता था और उनके सार्वजनिक जीवन के विस्तृत अनुभव से लाभ उठाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें वर्ष 1988 में दार्जिलिंग हिल्स में शांति लाने के समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सबसे अधिक स्मरण किया जाता है। उन्होंने विदेश नीति के मुद्दों में गहरी दिलचस्पी ली और संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन से देश ने एक बहुत वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विचारक खो दिया है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी वरिष्ठ पत्रकार इंदर जीत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अंबिका सोनी ने कहा है कि इंदर जीत के असमायिक निधन से पत्रकारिता के क्षेत्र में एक ऐसी रिक्ति हो गई है जिसे भरा जाना मुश्किल है। इंदर जीत एक ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने राजनीतिक पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया और आम लोगों से संबंधित मुद्दों को समझा। आईएनएफए के संपादक के तौर पर, इंदर जीत ने विषय परक, विश्वसनीय, न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के नए मानदंड स्थापित किए। लोकसभा सदस्य के रूप में, सदन में होने वाली बहस के दौरान उनकी प्रभावशाली टिप्पणियों और हस्तक्षेप को इंदर जीत के योगदान के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी मृत्यु से राष्ट्र को क्षति हुई है।