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औषध परीक्षण पर नज़र रखने की पद्धति

आयुर्वेदिक औषधियों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं

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नई दिल्ली। औषध और प्रसाधन नियम 1945 के अधीन नई औषधियों के नैदानिक परीक्षण या जांच का काम भारत के औषधीय महानियंत्रक की दी गई अनुमति और संबंधित नैतिक समिति के अनुमोदन के बाद ही किया जा सकता है, परीक्षण स्‍थल इस बात के लिए स्‍वतंत्र होगा कि वह किसी अन्‍य परीक्षण स्‍थल की नैतिक समिति के नयाचार (प्रोटोकोल) को स्‍वीकार करे या नहीं। उसमें यह भी शर्त होगी कि स्‍वीकृति प्रदान करने वाली नैतिक समिति या समितियां अध्‍ययन के लिए अपनी जिम्‍मेदारी स्‍वीकार करने के लिए रजामंद हैं। यह नैतिक समिति की जिम्‍मेदारी है कि जिन व्‍यक्‍तियों पर परीक्षण किया जाता है उनके अधिकारों, सुरक्षा और कल्‍याण के बचाव के लिए परीक्षण प्रोटोकोल की समीक्षा करता है और उसे अपनी स्‍वीकृति प्रदान करती है।

नैतिक समिति में कम से कम सात सदस्‍य होने चाहिए। समिति अपने सदस्‍यों में से एक व्‍यक्‍ति को उसका अध्‍यक्ष नियुक्‍त करे, जो संस्‍थान से बाहर का हो और एक सदस्‍य सचिव की भी नियुक्‍ति करे। समिति के अन्‍य सदस्‍य, चिकित्‍सा, गैर-चिकित्‍सा, वैज्ञानिक और गैर-वैज्ञानिक व्‍यक्‍ति हो सकते हैं। जिन व्‍यक्‍तियों पर परीक्षण किया जाता है उनके घायल होने या मृत्‍यु होने की स्‍थिति में वे वित्तीय या अन्‍य सहायता के हकदार होंगे ताकि स्‍थायी या अस्‍थाई विकलांगता के लिए उनकी बराबर भरपाई की जा सके। यह जानकारी राज्‍य सभा के पटल पर रखी गई।

राज्यसभा में दी गई एक अन्य जानकारी के अनुसार यूरोपीय संघ ने आयुर्वेदिक औषधियों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया है। औरपि यूरोपीय संघ ने परंपरागत जड़ी बूटी संबंधित उत्‍पादों पर एक निर्देश तैयार किया है। इस निर्देश का भारत से यूरोपीय संघ को जड़ी बूटी संबंधित औषधीय उत्‍पादों के निर्यात पर व्‍यापारिक प्रतिबंधात्‍मक प्रभाव पड़ता है। अनेक आयुर्वेदिक उत्‍पादों का आहार पूरकों के रूप में आजकल निर्यात हो रहा है जिसके लिए अब तक की स्थिति के अनुसार अनेक देशों में पंजीकरण की कोई आवश्‍यकता नहीं होती। औरपि कुछ भारतीय कंपनियों ने विभिन्‍न देशों जैसे इटली, बेल्जियम और फिनलैड आदि में कई उत्‍पाद अधिसूचित किए है। भारत, यूरोपीय संघ के साथ 2004 से परंपरागत जड़ी बूटी संबंधी औषधीय उत्‍पादों के बारे में द्विपक्षीय सलाह मशविरा करता रहा है और उसके बारे में विश्‍व व्‍यापार संघ की व्‍यापारिक पर तकनीकी प्रतिबंध संबंधी समिति में अपनी चिंताओं को पेश करता रहा है।

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