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नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि भारत में टीकाकरण का दायरा और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई नई पहलों से सहायता मिली है। वे दक्षिण पूर्व एशिया के मंत्रियों की उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय बैठक में बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार और नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया। याद रहे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2012 को दक्षिण पूर्व एशिया में नियमित टीकाकरण की गतिविधियों में तेजी लाने के वर्ष के रूप में मनाए जाने की घोषणा की है।भारत ने 15 राज्यों के 111 जिलों में जहां जापानी दिमागी बुखार के मामले ज्यादा होते हैं, वहां टीकों की शुरुआत की है। हेपेटाईटिस बी के टीके पहले 10 राज्यों में शुरु किए गए थे, और अब पूरे देश को इसके दायरे में लाया जा रहा है। खसरे का टीका जो आमतौर पर बच्चों को लगाए जाता है, उसकी अब दूसरी खुराक भी दी जाने लगी है। देश भर में ऐसे 11 केंद्र बनाए गए हैं जो सभी उन रोगों के टीकों की देख-रेख करेंगे जिनकी रोकथाम टीकों से की जा सकती है। इसके अलावा सभी गर्भवती माताओं और बच्चों के बारे में इंटरनेट से जानकारी जुटाई जाएगी ताकि कोई भी टीकाकरण के दायरे से बाहर न रह जाए।पोलियो की रोकथाम करने के लिए भारत ने खासी प्रगति की है। भारत ने जनवरी 2010 में बाईवेलैंट पोलियो टीका शुरु किया है जिसमें भारी कामयाबी प्राप्त की गई है। भारत का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ, टीके एवं टीकाकरण के लिए वैश्विक गठबंधन (जीएवीआई), बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएस एड), अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी), केएफडब्लू आदि संगठनों के साथ नजदीकी सहयोग करता है।