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नई दिल्ली। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने बताया कि सरकार देश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए कई प्रोत्साहन देती है। सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क (एसटीपी) योजना के अंतर्गत अनुमोदित इकाइयों को विदेश व्यापार नीति के अनुसार सॉफ्टवेयर निर्यात के कार्य करने के लिए उन्हें अपेक्षित वस्तुओं का आयात करने की अनुमति दी जाती है। ऐसी वस्तुओं को सीमा शुल्क का बिना कोई भुगतान किए पूर्णतया क्रय आधार पर या नि:शुल्क या ऋण आधार पर ग्राहक से आयात की जा सकता है। अनुमोदित एसटीपी इकाइयां भी देश में उपलब्ध पूंजीगत वस्तुओं, संघटक-पुर्जों और अन्य विनिर्धारित वस्तुओं के क्रय पर उत्पाद-शुल्क में छूट प्राप्त कर सकती हैं।
इसके अलावा, सॉफ्टवेयर को आधारभूत सीमा शुल्क से छूट प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई मदें आईटीए करारनामे के अंतर्गत शामिल हैं और इसलिए इन्हें सीमा-शुल्क से छूट प्राप्त है। आयकर विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में स्थित किसी इकाई को मदों अथवा वस्तुओं अथवा सेवाओं के निर्यात से होने वाले कुल लाभ पर पहले 5 सतत कराधान वर्षों के लिए शत-प्रतिशत कटौती का प्रावधान है, जो अगले पांच कराधान वर्षों के लिए 50 प्रतिशत और इसके बाद अगले 5 वर्षों के लिए प्लाऊ बैक निर्यात लाभ का 50 प्रतिशत है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान जून 2011 तक केंद्रीय उत्पाद शुल्क के साथ पंजीकृत इकाइयों के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से एकत्रित केंद्रीय उत्पाद शुल्क 4.47 करोड़ रूपए है। इन इकाइयों के संबंध में अन्य प्रभार अर्थात एमओटी, शास्ति आदि से एकत्रित राशि 45.3 लाख रूपए मात्र है। अन्य प्रभार केंद्रीय उत्पाद शुल्क से संबंधित है और इसमें सेवा कर और शुल्क शामिल नहीं है।