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नई दिल्ली। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने नई दिल्ली में राजस्थान से आए कारीगरों और बुनकरों की एक खास प्रदर्शनी 'तीज के रंगों' का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी विषयवस्तु आधारित हस्तशिल्प प्रदर्शनियों की उस श्रृंखला का हिस्सा है जो राजीव गांधी हस्तशिल्प भवन के शिल्पी हार्ट में विभिन्न राज्य हस्तशिल्प विकास संगठनों के सहयोग से पखवाड़े आधार पर आयोजित की जाती है। इस अवसर पर कपड़ा सचिव रीता मेनन भी उपस्थित थीं।
तीज समारोह के साथ होने वाली यह विशेष प्रदर्शनी 12 अगस्त तक चलेगी। प्रदर्शनी में राजस्थान के पुरस्कार विजेता कारीगरों और प्रमुख शिल्पकारों के बनाए विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों को दिखाया और बेचा जाएगा, जिनमें लघु पेंटिंग, टाई और डाई कपड़े, फड़ पेंटिंग्स, लाख की चूडि़यां, चर्म उत्पाद और जेवर इत्यादि शामिल हैं। इस सप्ताह के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। दिल्ली के लोगों और खासतौर पर कला प्रेमियों को एक ही जगह पर राजस्थान के विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पों को देखने का अवसर प्राप्त होगा। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के कार्यालय से निर्मित यह शिल्पी हाट एक ऐसा सुविधा केंद्र है, जो विपणन के लिए खास जगह प्रदान करता है। यहां इस उद्देश्य के लिए 50 स्थाई स्टॉल लगाए गए हैं। यह हाट पिछले नवंबर से ही कार्य कर रहा है।
हस्तशिल्प क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में शिल्पकारों को रोजगार प्रदान करता है और अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखते हुए देश के लिए काफी विदेशी मुद्रा एकत्रित करता है। कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय देश में हस्तशिल्प क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न उत्साहवर्धक और विकासोन्मुख योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है। इस कार्यालय की विपणन सहयोग सेवा योजना के तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिक्री में सहयोग प्रदान करने के लिए अनेक विपणन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
गांधी शिल्प बाजार, शिल्प बाजारों, प्रदर्शिनयों जैसे कार्यक्रमों का पूरे वर्ष आयोजन किया जाता है जो शिल्पकारों को उनके उत्पादों को लोगों को सीधे बेचने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2011-12 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 475 घरेलू विपणन उत्सवों के आयोजन का प्रस्ताव किया गया है, जबकि 2010-11 में 371 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था।