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नई दिल्ली। भारतीय रेलों में यात्री मूल टिकट पर अथवा वैध यात्रा प्राधिकरण पर ही यात्रा कर सकते हैं, स्कैन की हुई टिकट पर यात्रा नहीं कर सकते हैं क्योंकि ऐसी टिकटें नकली टिकटें मानी जाती हैं। रेल राज्य मंत्री भरत सिंह सोलंकी ने राज्य सभा में बताया कि स्कैन टिकटों में शामिल किसी बड़े रैकेट का पता नहीं चला है तथापि 24 जून 2010 को गाड़ी संख्या 2108 में स्कैन टिकटों के दो मामलों का पता चला था। इस कारण रेलवे को लगभग 4702 रूपए की हानि हुई थी। दिनांक 11 फरवरी 2011 को मुंबई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में स्कैन टिकट के एक और मामले का पता चला था। यात्री से टिकट जब्त कर लिया गया था और नियमानुसार जुर्माना वसूला गया था। सतर्कता और जालसाजी विरोधी जांचे नियमित तौर पर की जाती हैं। महत्वपूर्ण स्टेशनों/स्थानों पर विशेषकर अनारक्षित खंडों पर टिकटों की जालसाजी के प्रभावी नियंत्रण के लिए गहन चैक पोस्ट (आईसीपी) स्थापित की गयी है।