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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने तेलंगाना राज्य के निर्माण में देरी के कारण उत्पन्न स्थिति पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए लोकसभा में वक्तव्य दिया और कहा कि तेलंगाना मुद्दे पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उचित फैसला किया जाएगा। चिदंबरम ने आंध्र प्रदेश में सभी वर्गों के लोगों से विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने देने की अपील की है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कोई फैसला करने को कहा।
चिदंबरम ने कहा कि सभी दलों को आम सहमति पर पहुंचने के बाद वे सर्वदलीय बैठक फिर बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का फैसला आंध्र प्रदेश के लोगों को ही करना है, केंद्र केवल इसके समाधान में सहायता ही कर सकता है। गृह मंत्री ने इसके हल के लिए सरकार के उपायों का ब्यौरा दिया और श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें इस मुद्दे के समाधान के लिए छह अलग-अलग विकल्प सुझाए गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीकृष्ण समिति ने एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग और अलग तेलंगाना राज्य बनाने की संभावना दोनों पर ही विचार किया। चिदंबरम ने इस वर्ष छह जनवरी को हुई सर्वदलीय बैठक की भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों से इस समिति की रिपोर्ट पर विचार करने का अनुरोध किया था। चिदंबरम ने कहा कि भारत सरकार आंध्र प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। उन्होंने आंध्र प्रदेश में शांति और सद्भाव और कानून व्यवस्था बनाए रखने की केंद्र सरकार की अपील दोहराई।