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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने लोक सभा में जानकारी दी है कि वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के आधिकारिक अभिलेख नष्ट नहीं किए गए हैं, वे रक्षा मंत्रालय के इतिहास प्रभाग में रखे गए हैं। रक्षा मंत्री एंटनी एवं रक्षा राज्य मंत्री एमएम पल्लम राजू ने अपने मंत्रालय से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के भी उत्तर और जानकारियां लोक सभा में दीं जिनका मिसाइल परीक्षण, आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव का निर्यात, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, एफजीएफए का विकास, रक्षा सेनाओं में खाद्य प्रबंधन, भारत अमेरिका रक्षा सौदा, सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण, कावेरी इंजन परियोजना, वायु सेना का आधुनिकीकरण और रक्षा भूमि के वाणिज्यिक उपयोग से संबंध है।
मिसाइल परीक्षण
रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि रक्षा मंत्रालय, आंध्र प्रदेश के कृष्णा-गोदावरी घाटी बेसिन में गैस परियोजना का विरोध कर रहा है क्योंकि यह मिसाइल परीक्षण रेंज में आता है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने नई अन्वेषण लाइसेंसीकरण नीति 9 (नेल्प- 9) के अंतर्गत तेल और गैस अन्वेषण का पता लगाने के लिए किए गए प्रस्ताव से आंध्र प्रदेश में लंबी दूरी के प्रक्षेपास्त्र छोड़ने की प्रस्तावित सुविधा में बाधा उत्पन्न होगी।
हेलिकॉप्टर ध्रुव का निर्यात
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की कतिपय दक्षिण अमरीकी देशों को आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) की बिक्री करने की योजना है। एचएएल को सात ध्रुव हेलिकॉप्टर एक्वाडोर को निर्यात करने के लिए वैश्विक बोली में एक आदेश प्राप्त हुआ है। एचएएल संपूर्ण लैटिन अमरीकी क्षेत्र में ध्रुव की बिक्री के पश्चात मरम्मत, तकनीकी/संभारिकी सहायता प्रदान करने के लिए एक प्रादेशिक अनुरक्षण केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक
रक्षा राज्यमंत्री एमएम पल्लम राजू ने बताया कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के लिए उपर्युक्त स्थल के बारे में निर्णय लेने के लिए सरकार ने अगस्त 2009 में एक मंत्री-समूह का गठन किया है। इस मंत्री-समूह की शहरी विकास मंत्रालय सहायता कर रहा है। मंत्री-समूह की सिफारिशों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।
एफजीएफए का विकास
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और रासोबोरोन एक्सपोर्ट, रूस के बीच 21 दिसंबर 2010 को एचएएल ने रूस के सुखोई डिजाइन ब्यूरो के साथ संयुक्त रूप से संदर्शी बहु-भूमिका वाले युद्धक विमान कार्यक्रम के लिए डिजाइन और विकास हेतु 295 मिलियन अमरीकी डॉलर की लागत पर एक प्रारंभिक डिजाइन संविदा की। प्रारंभिक डिजाइन चरण की अवधि 18 माह है। संपूर्ण स्तर पर डिजाइन और विकास कार्य एक अलग संविदा के तहत किए जाएंगे जिस पर वार्ता और हस्ताक्षर प्रारंभिक डिजाइन चरण के अंतिम दौर में किए जाएंगे। इस समय इन विमानों को भारतीय वायुसेना में 2018 से शामिल किए जाने की परिकल्पना है।
रक्षा सेनाओं में खाद्य प्रबंधन
रक्षा मंत्री ने बताया है कि अध्ययन रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ, सैन्य राशन के मानदंड, राशन के वार्षिक प्रावधान, विक्रेता प्रबंधन, वितरण माध्यमों, संविदा प्रबंधन और निरीक्षण और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के जरिए प्रबंधन आंकड़ों सहित रक्षा सेनाओं में खाद्य प्रबंधन व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। सशस्त्र सेनाओं के लिए राशन की आपूर्ति और गुणवत्ता में सुधार लाना एक सतत प्रक्रिया है जिसमें अध्ययन रिपोर्ट की सिफारिशें भी शामिल की जा रही हैं।
भारत अमेरिका रक्षा सौदा
रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों की आधिप्राप्ति के लिए जारी किए गए प्रस्ताव हेतु अनुरोध के लिए दो अमरीकी कंपनियों ने प्रत्युत्तर दिया था, औरपि, दोनों अमरीकी प्रस्ताव, प्रस्ताव हेतु अनुरोध की तकनीकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करते थे जिस कारण उन्हें सूची में शामिल नहीं किया गया। पूंजीगत अधिप्राप्तियां रक्षा अधिप्राप्ति प्रक्रिया-2011 में निर्धारित प्रक्रियाओं के आधार पर की जाती हैं। रक्षा अधिप्राप्ति प्रक्रिया में अधिप्राप्ति किए जा रहे उपस्कर के व्यापक तकनीकी और फील्ड मूल्यांकन किए जाने का प्रावधान है ताकि उनकी सेना गुणता आवश्यकताओं की अनुरूपता सुनिश्चित की जा सके। रक्षा अधिप्राप्ति प्रक्रिया में अधिप्राप्ति किए जा रहे उपस्कर के उत्पाद एवं अनुरक्षण सहायता सुनिश्चित करने के लिए संविदा की मानक शर्तें भी अनुबंधित हैं।
सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण
रक्षा मंत्री ने बताया कि सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण खतरों की अवधारणा, संक्रियात्मक चुनौतियों, प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों और उपलब्ध संसाधनों पर आधारित एक सतत प्रक्रिया है। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण से जुड़े मसलों पर कमांडरों के सम्मेलन सहित विभिन्न स्तरों पर समीक्षा की जाती है। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए एक सुगठित आयोजना प्रक्रिया मौजूद है। इस प्रक्रिया के भाग के रूप में सरकार बलों में वृद्धि और बलों के आधुनिकीकरण से सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिए एक संकेंद्रित योजना का कार्यान्वयन कर रही है। यह 15 वर्षीय अवधि की एक दीर्घकालिक एकीकृत संदर्शी योजना पर आधारित है। एकीकृत संदर्शी योजना तैयार करते समय भावी खतरों/चुनौतियों और इनका सामना करने के लिए आवश्यक क्षमताओं की पहचान करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है।
कावेरी इंजन परियोजना
रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन हल्के लड़ाकू विमान, तेजस एमके-2 के लिए कावेरी इंजन के सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए मैसर्स स्नेक्मा, फ्रांस के साथ वार्ता कर रहा है। मूल्य वार्ता पूरी हो जाने के बाद परियोजना का प्रस्ताव सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। भारतीय वायुसेना से प्रत्येक चरण में परामर्श किया जाता है और यह वार्ता का एक हिस्सा है। भारतीय वायुसेना ने मैसर्स स्नेक्मा, फ्रांस के साथ कावेरी इंजन के सह-विकास के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। भारतीय वायुसेना ने इंजन की तकनीकी विर्दिष्टि के प्रारूप की जांच कर ली है और उसे अनुमोदित कर दिया है। भारतीय वायुसेना ने आगे यह भी सुझाव दिया है कि रिट्रो-फिटमेंट के लिए हल्के लड़ाकू विमान, तेजस एयरफ्रेम पर इंजन डिजाइन का न्यूनतम प्रभाव पड़ना चाहिए।
वायु सेना का आधुनिकीकरण
रक्षा मंत्री ने जानकारी दी है कि भारतीय वायु सेना सुरक्षा परिदृश्य की समय-समय पर पुनरीक्षा करती है और किसी भी संभाव्य घटना से निबटने के लिए कदम उठाए जाते हैं। इसमें नए विमान और रक्षा परिसम्पत्तियां शामिल करना और मौजूदा परिसम्पत्तियों की संक्रियात्मक क्षमता का उन्नयन करना शामिल है। भारतीय वायु सेना ने सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए वर्ष 2027 तक के लिए एक व्यापक दीर्घकालिक संदर्शी योजना तैयार की है। भारतीय वायु सेना, मध्यम बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमान, हल्के लड़ाकू विमान, सुखोई-30 एमकेआई और पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान जैसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमान, अपने बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया में है। सरकार ने इस प्रयोजन के लिए पर्याप्त निधियां आवंटित की हैं।
रक्षा भूमि का वाणिज्यिक उपयोग
रक्षा मंत्री ने बताया है कि विभिन्न व्यावसायिक प्रयोजनों जैसे- पेट्रोल पंपों, बैंकों, विज्ञापन होर्डिंगों आदि के लिए पट्टा आधार पर रक्षा भूमि दिए जाने के लिए समय-समय पर अनुदेश जारी किए गए हैं। छावनी बोर्ड भी दुकान आदि चलाने के लिए अपने प्रबंधन के अंतर्गत जमीन प्रदान करते हैं। रक्षा संपदा संगठन के अफसरों की निरीक्षण किए जाने की एक प्रणाली विद्यमान है, जिसके अंतर्गत निरीक्षण अधिकारियों को उन नियमों के अनुपालन पहलू के संबंध में जांच करनी होती है, जिसके तहत विभिन्न व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए रक्षा भूमिदी जाती है। निरीक्षण के अलावा, क्षेत्रीय कार्यालयों से विभिन्न विषयों पर नियमित रूप से रिपोर्टें भी मंगाई जाती हैं ताकि निगरानी में सहायता हो सके।