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नई दिल्ली। सतत् ऊर्जा की प्राप्ति हेतु संसद भवन में मंगलवार को बड़ा कदम उठाया गया, जब लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद भवन परिसर में 80 केडब्ल्यूपी और फोटोवोलटेइक पावर प्लांट एवं प्रतिदिन 2000 लीटर जल गर्म करने की सौर प्रणाली का उद्घाटन किया। इस अवसर पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला भी उपस्थित थे। ये नई प्रणालियां नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की विशेष क्षेत्र विकास परियोजना के अंतर्गत संसद भवन परिसर में अक्षय ऊर्जा प्रणालियों के प्रदर्शन का भाग है।
एक करोड़ 19 लाख 75 हजार 529 रुपये की लागत से छत पर स्थापित 80 केडब्ल्यूपी सोलर पीवी से पारंपरिक बिजली और डीजल शक्ति के इस्तेमाल में कमी लाने में मदद मिलेगी और पारंपरिक ग्रीड पावर पर निर्भरता भी घटेगी। इस सोलर जल उष्मक संयंत्र से प्रतिदिन 2,000 लीटर गर्म जल संसद भवन स्कंध स्थित केंटीन को आपूर्ति की जाएगी। एक अनुमान के अनुसार इससे प्रतिवर्ष 6,000 किलोग्राम एलपीजी की बचत होगी। इस परियोजना के हिस्से के रूप में 20 सोलर स्ट्रीट प्रकाश प्रणालियों और 500 ग्राम प्रतिदिन बायोगैस संयंत्र आधारित रसोई कचरा प्रणाली की स्थापना भी प्रक्रिया के दौर में है।
मीरा कुमार ने नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना की। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ फारूख अब्दुल्ला ने उनके मंत्रालय को संसद भवन परिसर में अक्षय ऊर्जा प्रणालियों के इस्तेमाल और उसके लाभ को प्रदर्शित करने के लिए अवसर प्रदान करने और इसके लिए पहल करने को लेकर लोक सभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया।