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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का कुख्यात इनामी बदमाश ब्रजेश सिंह इस समय आखिर यूपी के किस सत्तारुढ़ राजनेता के कहने पर आत्मसमर्पण की योजना बना रहा था? ब्रजेश सिंह को भुवनेश्वर से गिरफ्तार करने वाली दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इसका पता लगा लिया बताते हैं, लेकिन वह किसी बखेड़े से बचने के लिए इस मामले में मीडिया से दूरी बनाए हुए है। करीब बारह साल से फरार चल रहा यह अपराधी अपनी मौत की खबर उड़वाने और बनारस में बाकायदा अपनी तेरहवीं करवाने के बाद निश्चिंत होकर उड़ीसा में रह रहा था। ब्रजेश सिंह उत्तर प्रदेश दिल्ली हरियाणा बिहार नेपाल दुबई में खतरनाक अपराधों का ‘व्यवसाय’ चलाए हुए था। दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ने से उसकी सारी योजनाओं पर फिलहाल विराम लग गया है। इसके पकड़े जाने से एक बड़े अपराधिक-राजनीतिक नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के किसी बड़े राजनेता के आश्वासन पर उसकी आत्मसमर्पण की योजना थी, जिसे दिल्ली पुलिस ने नाकाम कर दिया। ब्रजेश सिंह अत्यंत प्रखर बुद्धि का और अत्यंत शातिर बताया जाता है और उसका विविध ज्ञान पुलिस की पूछताछ में आड़े भी आ रहा है। इसके बावजूद उसने पुलिस के डंडे के सामने कई मामलों को खोला है जिसमें उसके आत्मसमर्पण की योजना भी है। दिल्ली पुलिस को उसके किसी मुखबिर ने उसकी योजना की बड़ी सटीक जानकारी दी जिससे दिल्ली पुलिस का आपरेशन ब्रजेश सिंह सफलता से पूरा हुआ। क्या ब्रजेश सिंह को उत्तर प्रदेश में राजनीतिक शरण दी जाने वाली थी जिसके एवज में वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने का काम करना था? ब्रजेश सिंह के भाई चुलबुल सिंह भाजपा के एमएलसी हैं और सगा भतीजा सुशील सिंह इस समय यूपी में सत्तारुढ़ बहुजन समाज पार्टी का धानापुर (चंदौली) विधानसभा से विधायक है। कहते हैं कि यहीं से ब्रजेश सिंह के यूपी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण की योजना बनी है।
कोयला, शराब और रेलवे के स्कै्रप के दलाल ब्रजेश सिंह पर हत्या, अपहरण, डकैती और धमकाकर गुंडा टैक्स वसूलने के दर्जनों मामले दर्ज हैं। कई साल से फरारी के कारण उसके जीवित होने या न होने की खबरों ने उसको बचाए रखा। ब्रजेश सिंह के भाजपा सहित लगभग सभी प्रमुख राजनेताओं पर एहसान माने जाते हैं जोकि उसकी फरारी को उसकी मौत होना बताकर सबको गुमराह करते रहे लेकिन पुलिस और खासतौर से दिल्ली पुलिस उसके पीछे लगातार लगी रही। ब्रजेश ने कई बार दिल्ली मुंबई पुलिस को चकमा दिया लेकिन उसके जबरदस्त नेटवर्क के कारण कई साल से अधिकांश तो यही मानकर चल रहे थे कि गैंगवार में ब्रजेश की मौत हो चुकी है। घरवालों और शुभचिंतकों ने योजनाबद्घ ढंग से लोगों में यही विश्वास बनाए रखा। उप्र में बसपा की सरकार आते ही उसको बसपाई बनाकर बाकायदा पूर्वांचल की राजनीतिक कमान सौंपने की रणनीति पर काम चल ही रहा था, तभी दिल्ली पुलिस के हाथ उसका यह शिकार लग गया। ब्रजेश ने कई गंभीर वारदातों को अंजाम दिया है जिसमें मुंबई में जेजे अस्पताल में अरुण गवली गैंग के एक सदस्य की हत्या का मामला है। इस गोली कांड में ड्यूटी पर तैनात मुंबई पुलिस के सिपाही भी मारे गए थे।
ब्रजेश सिंह यूं तो भाजपा नेताओं के बहुत करीब रहा है लेकिन वह मुंबई में श्रंखलाबद्घ बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहीम का खास गुर्गा भी माना जाता है। उसके कहने पर उसने मुंबई में कई ऐसे अपराधों को अंजाम दिया है, जो इसकी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण खुल नहीं सके थे। दिल्ली पुलिस इस अपराधी से उसके नेटवर्क के बारे में जानकर हैरान है कि वह किस प्रकार इतने दिन फरारी में सफल रहा। पूछताछ टीम के करीबी सूत्रों ने बताया है कि वह देश के बाहर दुबई और सिंगापुर में काफी समय रहा है। नेपाल में भी उसके छिपने के कई ठिकाने हैं।
सूत्र बताते हैं कि योजनाबद्घ ढंग से उसने अपनी मौत होने का प्रचार कराया हुआ था और वह एक समय बाद ऐसे अवसर की तलाश करने लगा था जिसमें उसका आगे का जीवन राजनीतिज्ञों की तरह से चले। अपराधिक मामलों के गवाहों की उसे कोई चिंता नहीं है और वैसे भी यूपी में उसे राजनीतिक शरण मिलने ही वाली थी। पुलिस ने उससे पूछताछ में मिले सुरागों कों दबाकर रखा हुआ है। अभी ब्रजेश सिंह के नार्को टेस्ट कराने की भी तैयारी चल रही है। पुलिस को उम्मीद है कि उसमें वह अपने संपर्क सूत्रों और अपराधों के बारे में उगलेगा। दिल्ली पुलिस उसके बारे में मिली जानकारी के आधार पर कुछ छापेमारी कर रही है। इसमें वह मुंबई पुलिस की भी मदद ले रही है। इन दोनों राज्यों की पुलिस के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस को भी ब्रजेश सिंह की जरूरत है। पुलिस पहले ही कह चुकी है कि वह ब्रजेश सिंह का नारको टेस्ट कराएगी जिसके बारे में अभी कोई अगली जानकारी सामने नहीं आई है।