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नई दिल्ली। अधिकार प्राप्त मंत्री समूह ने दिल्ली मेट्रो की 103.05 किलोमीटर लंबी तीसरे चरण की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसमें मुकुंदपुर-यमुना विहार गलियारे का 55.69 किलोमीटर, जनकपुरी पश्चिम–कालिंदी कुंज गलियारे का 33.49 किलोमीटर, केंद्रीय टर्मिनल-कश्मीरी गेट का 9.37 किलोमीटर और जहांगीर पुरी-बादली के बीच 4.489 किलोमीटर लंबा मार्ग शामिल है। इनमें कुल 67 मेट्रो स्टेशन और 15 अंतरपरिवर्तनीय केंद्र होंगे, जिससे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। यह परियोजना मार्च 2016 तक पूरी होने की संभावना है। तीसरे चरण की मेट्रो परियोजना पूर्ण हो जाने के बाद वर्ष 2016 में दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की अनुमानित संख्या 39.50 लाख पहुंच जाने की संभावना है। यह संख्या 2021 में 48.23 लाख, 2031 में 65.62 लाख हो जाने का अनुमान है। इस परियोजना को पूरा करने की अनुमानित लागत 35,242 करोड़ रूपये है।
शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने अधिकार प्राप्त मंत्री समूह को सूचित किया है कि दिल्ली के यात्रियों को दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना के तीसरे चरण की मंजूरी से बहुत लाभ होगा। कमलनाथ ने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2021 तक दिल्ली मेट्रो के चारों चरणों की परियोजना पूरी हो जाने से दिल्ली में 428 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क हो जाएगा, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क संपर्क बन जाएगा। कमलनाथ ने मंत्री समूह का ध्यान दिल्ली के नजफगढ़ और शिव विहार इलाकों के निवासियों की मेट्रों का वहां से संपर्क जोड़ने की बहुत पुरानी मांग की ओर आकर्षित किया। उनके अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया कि अधिकार प्राप्त मंत्री समूह के पास पूरक प्रस्ताव के तौर पर तीन अतिरिक्त लाइनों का मामला सामने लाया जाएगा।
ये तीन मेट्रो संपर्क लाइनें द्वारका से नजफगढ़, यमुना विहार से शिव विहार तक मेट्रो का विस्तार और मेट्रो की मुंडका लाइन का हरियाणा के बहादुरगढ़ तक विस्तार है। इन अतिरिक्त मेट्रो लाइनों से इन इलाकों में रहने वालों की बहुत पुरानी मांग पूरी हो सकेगी। कमलनाथ की पहल पर दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉर्पोरेशन को शिव विहार से मुकुंदपुर और मेट्रो का विस्तार रिठाला से बवाना करने के लिए सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया। दिल्ली मेट्रो का दिल्ली के बदरपुर से हरियाणा के फरीदाबाद के वाईएमसीए चौक तक विस्तार को भी मंजूरी दी गई। इस गलियारे की कुल लंबाई 13.875 किलोमीटर है जो पूर्णतया जमीन से ऊपर है और इसमें 9 मेट्रो स्टेशन हैं। इसे 2533 करोड़ की लागत से निर्मित किया जाएगा। गलियारे का काम पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2014 रखा गया है।
अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की बैठक में मौजूदा दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में यात्रियों की अत्यधिक भीड़भाड़ पर भी चर्चा हुई। दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अतिरिक्त 212 कोच की खरीद के लिए प्रस्ताव किया कि वित्त मंत्रालय को इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम की सहायता करनी चाहिए। इस समझौते के अनुसार दिल्ली मेट्रो रेल निगम भारत सरकार से कुल 1035 करोड़ का ऋण प्राप्त कर इसे बाद में तीन किश्तों में वर्ष 2011-12 , 2012-13 और 2013-14 में चुका सकेगा। बंगलुरू के निवासी आरामदायक मेट्रो रेल व्यवस्था की उम्मीद कर सकते हैं जिसका पहला चरण दिसंबर 2013 में पूरा हो जाएगा। अधिकार प्राप्त मंत्री समूह ने 42.3 किलोमीटर लंबी पहले चरण की परियोजना के लिए 11609 करोड़ रूपये मंजूर किए हैं।