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नई दिल्ली। संस्कृत, फारसी, अरबी और पाली/प्राकृत के विद्वानों को राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने सम्मान पत्र और महर्षि बद्रायण व्यास सम्मान प्रदान किए हैं। संस्कृत में प्रोफेसर कानियांबक्कम एलायाविल्ली गोविंदन, डॉ नोदनाथ मिश्र, डॉ सत्यदेव चौधरी, डॉ मणिभाई ईश्वरभाई प्रजापति, डॉ विजय पाल, पंडित केशव राम शर्मा, सोमायाजी विद्वान सांबा दीक्षित, प्रोफेसर रासबिहारी द्विवेदी, प्रोफेसर कृष्णा एस अर्जुनवाडकर, प्रोफेसर सदाशिव प्रहराजा, प्रोफेसर इंद्रदत्त उनियाल, डॉ सत्यव्रत वर्मा, वी रघुनाथ शास्त्रीगल, प्रोफेसर अमरनाथ पांडे और प्रोफेसर प्रताप बनर्जी, संस्कृत (अंतर्राष्ट्रीय) में ह्वांग बाओशेंग, फारसी में प्रोफेसर मोहम्मद इकबाल, प्रोफेसर हाफिज मोहम्मद जियाउद्दीन उर्फ शमसी तेहरानी और डॉ मोहम्मद मंसूर आलम, अरबी में डॉ मोहम्मद अतीकुर रहमान, प्रोफेसर जैनुस़ साजिदीन सिद्दीकी और डॉ मोहम्मद शहीदुल्लाह, पाली में प्रोफेसर अंगराज चौधरी को सम्मान मिला।
इनके अतिरिक्त राष्ट्रपति ने संस्कृत, फारसी, अरबी और पाली/प्राकृत के निम्नलिखित विद्वानों को महर्षि बद्रायण व्यास सम्मान भी प्रदान किए हैं जिनमें संस्कृत में डॉ ब्रजभूषण ओझा, डॉ सोमनाथ दास, डॉ संपदानंद मिश्र, डॉ वीरनारायण एन के पांडुरंगी और डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह देव, फारसी में डॉ शाहिद नौखेज़ आज़मी, अरबी में डॉ मुजीबुर रहमान, पाली में महावीर प्रभाचंद्र शास्त्री को सम्मान मिला। ये सम्मान संस्कृत, फारसी, अरबी और पाली/प्राकृत के क्षेत्रों में प्रशसंनीय योगदान देने के लिए वर्ष में एक बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए जाते हैं।