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युवा वैज्ञानिकों के हाथों है भारत का भविष्य

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डॉ अश्‍वि‍नी कुमार-dr ashwani kumar

नई दिल्ली। केंद्रीय वि‍ज्ञान और प्रौ़द्योगि‍की राज्‍य मंत्री डॉ अश्‍वि‍नी कुमार ने कहा है कि‍ हमें नये उभरते वैज्ञानिकों पर गर्व है, जि‍नके हाथों में भारत का भविष्‍य है। इंसपायर कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को आयोजि‍त राष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रदर्शनी और परि‍योजना प्रति‍योगि‍ता में प्रदर्शित वस्‍तुओं को देखते हुए डॉ अश्‍वि‍नी कुमार ने एक वैज्ञानि‍क छात्रा से यह बात कही। उन्‍होंने उससे उसकी परि‍योजना और समाज को इससे होने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी प्राप्‍त की।

डॉ अश्‍वि‍नी कुमार ने प्रति‍योगि‍ता के राज्‍य स्‍तर के वि‍जेताओं को पुरस्‍कार प्रदान कि‍ये। उन्‍होंने कहा कि ‍इंसपायर का मुख्‍य उद्देश्य यही है कि‍ प्रति‍भाशाली छात्र वि‍ज्ञान का वि‍षय पढ़ें और बड़ी संख्‍या में शोध कार्य को अपना कॅरि‍यर बनाएं। अनुसंधान और वि‍कास के लि‍ए मानव संसाधन जुटाने में बहुत समय लगता है, इंसपायर जैसी योजनाओं से इस आवश्‍यकता की दीर्घावधि‍ में पू्र्ति होती है, जि‍न छात्रों ने प्रदर्शनी में अपनी परि‍योजनाएं प्रस्तुत की हैं, वे भवि‍ष्‍य के वैज्ञानि‍क हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्‍मीद है कि ‍इनमें से अधि‍कतर वि‍ज्ञान में अध्‍ययन करेंगे और शोध कार्य को अपना कॅरि‍यर बनायेंगे, यह दीर्घावधि‍ के लि‍ए आवश्‍यक नि‍वेश है।

डॉ अश्‍वि‍नी कुमार ने कहा कि ‍नए अविष्‍कार और अनुसंधान कार्य हमारे दैनि‍क जीवन से संबद्ध होने चाहि‍एं और इनका लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहि‍ए। वि‍श्‍व का भविष्‍य वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की से जुड़ा है और हमें अपने बच्‍चों को इसके लि‍ए प्रोत्‍साहि‍त करना चाहि‍ए। देश की अनुपयुक्‍त क्षमता का पूरा लाभ उठाने के लि‍ए हमें ज्ञान और संपत्ति ‍पैदा करने वाले क्षेत्रों के बीच की दीवार को हटाना होगा, दोनों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए। अनुसंधान से देश की जलीय कृषि, ऊर्जा और पर्यावरण तथा स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित समस्याओं के नये हल मिलने चाहिएं।

उन्होंने कहा कि इंसपायर योजना से 10 से 32 वर्ष तक की आयु के युवा वैज्ञानिक जुड़ते हैं जिन्हें पीएचडी से भी ऊंचे स्तर के शोध कार्य का अवसर मिलता है, मेरे विचार में यह योजना बारहवीं पंचवर्षीय योजना से भी जारी रहनी चाहिए। आज राज्य स्तर के विजेता घोषित हुए हैं, कल राष्ट्रीय स्तर के विजेताओं को राष्ट्रपति पुरस्कार देंगी। जिला और राज्य स्तर पर भाग लेने वाले दो लाख बच्चों में से लगभग 750 बच्चे चुनें गये हैं। तीन दिन की इस प्रदर्शनी में 691 छात्र वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

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