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वन अधिकारी स्वयं को नौकरशाह न मानें

भारतीय वन सेवा के नये बैच का प्रशिक्षण पूरा

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दीक्षांत समारोह-convocation

देहरादून। भारतीय वन सेवा के 77 युवा अधिकारियों का वर्ष 2009-11 का व्यवसायिक वानिकी प्रशिक्षण बुधवार को संपंन हो गया। इन सतहत्तर अधिकारियों में दो अधिकारी भूटान के हैं। इनमें महिला अधिकारियों की संख्या आठ है। देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान में इंदिरा गांधी वन अकादमी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण और वन सचिव डॉ टी चटर्जी ने युवा अधिकारियों का सलाह दी कि वे वनों से प्रेम करें और स्वयं को नौकरशाह न मानें।

डॉ टी चटर्जी ने मातहतों से भी टीम भावना से व्यवहार करने और विकास से जुडे राज्य, जिला और निचले स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ स्वैच्छिक संगठनों और ग्राम पंचायतों से तालमेल रखने की जरूरत बताई। वन सचिव ने कहा कि कई बार छोटे-छोटे अपराधों के खिलाफ भी अधिकारी कानूनी कार्रवाई करते हैं जिससे विभाग के प्रति स्थानीय समुदाय सशंकित हो जाते हैं, इसके लिए उन्होंने स्थानीय लोगों का विश्वास जीतने की जरूरत बताई। केंद्रीय वन सचिव ने वन उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त करने के लिए जिला स्तर पर विकास एजेंसियों से सामंजस्य रखने की भी सलाह दी।

वन अकादमी से जो अधिकारी पास आउट हुए हैं उनमे से छह को उत्तराखंड कॉडर आवंटित हुआ है। वर्ष 2009-11 के प्रशिक्षण में सर्वाधिक 82.6 प्रतिशत अंक अग्निमित्र को मिले जो प्रथम स्थान पर रहे। कुल 25 प्रोबेशनरों ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। इस अवसर पर केंद्रीय वन महानिदेशक एवं पर्यावरण और वन मंत्रालय में विशेष सचिव डॉ पीजे दिलीप कुमार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के निदेशक डॉ आरडी जकाती भी उपस्थित थे।

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