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देह व्यापार के प्रति लोग जागरूक हों-डीजी

लखनऊ में अनुसंधान पुलिस की कार्यशाला

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कार्यशाला-workshop

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने 'अवैध मानव व्यापार के निवारण में पुलिस एवं अन्य संस्थाओं की भूमिका' विषय पर एक कार्यशाला को संबोधित किया और प्रदेश में फैले अनैतिक देह व्यापार के घृणित कारोबार पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस कारोबार में लिप्त महिलाओं एवं बच्चों की मुक्ति एवं उनकी सुरक्षा और देखभाल किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित महिला सहायता प्रकोष्ठ, अपराध अनुसंधान विभाग लखनऊ की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में करमवीर सिंह ने कहा कि इस समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए बने एक्ट के प्रति लोगों को जागरूक और सावधान करना चाहिए।

अपराध अनुसंधान विभाग की अपराध शाखा के अपर पुलिस महानिदेशक रामदेव ने मुख्य अतिथि करमवीर सिंह का इस कार्यशाला में समय देने और प्रतिभागियों का व्यापक मार्ग दर्शन करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि हम लोग जिस अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 की कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं, उसके बारे में लोगों ने सुना अवश्य होगा, लेकिन उसकी सही तरीके से जानकारी और उसका प्रयोग शायद ही कुछ लोग कर रहे हों।

उन्होंने यह भी कहा कि यह सोशल एक्ट है, जो हमारे देश की उन महिलाओं और बालिकाओं के लिये है, जो अपनी विवशताओं की वजह से रास्ता भटक गये हैं या फिर किसी दबाव में आकर यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कार्यशाला में आए प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि कार्यशाला के बाद वे स्वयं महसूस करेंगे कि इस कार्यक्रम से लोग अपनी जानकारी बढ़ा रहे हैं।

कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। उनको संवेदनशील, जागरूक करने और विषय से संबंधित सभी प्रकार के पहलुओं और विधिक प्रावधानों की जानकारियां दी गईं। कार्यशाला में सर्वाधिक जोर अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 को लागू करने पर दिया गया और निर्देश दिया गया कि इस एक्ट के तहत पकड़े गये पुरूष एवं महिलाओं और लड़कियों में से महिलाओं एवं लड़कियों को अपराधी के बजाय उत्पीड़ित समझते हुए आगे की कार्रवाई की जाए।

कार्यशाला के संयोजक बद्री प्रसाद सिंह, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग ने प्रशिक्षण के महत्व एवं उद्देश्यों की चर्चा करते हुए बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील एवं जागरूक बनाना है ताकि वह इन विधिक प्रावधानों का सही ढंग से पालन कर सकें और एंटी ट्रैफिकिंग के कार्य में लगी हुई अन्य समाज सेवी संस्थाओं के साथ सामन्जस्य बनाकर प्रभावी कार्रवाई कर सकें।

पीएसी मुख्यालय महानगर लखनऊ के सभाकक्ष में तीन दिन चली इस प्रशिक्षण कार्यशाला का अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक रामदेव ने समापन करते हुए कहा कि समस्या से निपटने के लिए पुलिसबल एवं स्वयं सेवी संगठनों से मिलकर चेतना विकसित करते हुए इसके नियंत्रण हेतु प्रयास किया जाना चाहिए।

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